सांता क्लॉज ने पर्यावरण के प्रति किया जागरूक
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : क्रिसमस के आते ही सांता क्लॉ•ा की याद आने लगती है। सांता
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
क्रिसमस के आते ही सांता क्लॉ•ा की याद आने लगती है। सांता को सेंट निकोलस, क्रिस ¨क्रगल, फादर क्रिसमस के नाम से भी जाना जाता है। क्रिसमस पर सांता खास तौर पर कई उपहार लेकर आते हैं और नन्हे-मुन्ने बच्चों को देते हैं। बच्चे भगवान का रूप होते है। वे कच्ची मिट्टी सामान होते है उन्हें जिस रूप में डालना चाहें ढ़ल जाएंगे। यह समय ऐसा होता जो संस्कार बच्चों में डाले जाते हैं आगे चलकर वैसा ही उनका चरित्र बनता है। यह बात सामाजिक कार्यकर्ता संजय रामफल ने कही। उन्होंने आह्वान किया कि क्रिसमस के मौके पर प्लास्टिक के पेड़ लगाने की बजाय यदि प्रत्येक व्यक्ति एक असली पौधा लगाए तो पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। कैम्ब्रीज स्कूल के छात्र तुषार ने सेंटा क्लॉज के रूप में पौधे वितरित किए। संजय रामफल ने कहा कि पौधे जीवन का आधार हैं। जीवन के लिए आक्सीजन भी पेड़-पौधों से ही प्राप्त होती है। इसलिए संतुलित मानव जीवन के लिए प्रकृति का संरक्षण भी जरूरी है।