ग्रामीण छात्र ने बनाई थी सोलर सिस्टम बस, रोडवेज जीएम, सीनियर इंजीनियर ने लिया जायजा
चरखी दादरी: गांव मोड़ी निवासी एक छात्र द्वारा कबाड़ में खरीदी गई बस को सो
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: गांव मोड़ी निवासी एक छात्र द्वारा कबाड़ में खरीदी गई बस को सोलर आधारित बनाने के परिवहन विभाग के जीएम व सीनियर इंजीनियर ने गांव में पहुंचकर बस का जायजा लिया। अधिकारियों द्वारा पूरा ट्रायल, निरीक्षण और नियमों को देखने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गांव मोड़ी निवासी अमित फौगाट द्वारा रोडवेज की एक कंडम बस को खरीदकर उसे नई तकनीक से सोलर आधारित वातानुकूलित बस व एंबुलेंस बनाया था। जिसको लेकर दैनिक जागरण ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। अमित ने बस में सोलर पैनल लगाते हुए एसी लगाया था। साथ ही बस को एंबुलेंस के रूप में इस्तेमाल करने के लिए स्ट्रेचर की व्यवस्था भी बस में की थी। जिससे आपात स्थिति में उसे एंबुलेंस के तौर पर प्रयोग किया जा सके।
अमित ने भविष्य में बस में इलेक्ट्रिक इंजन लगाने की भी बात कही थी। प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने तथा अमित द्वारा अधिकारियों से मिलने के बाद अधिकारियों ने बस की ओर ध्यान दिया। बुधवार को दादरी रोडवेज डिपो के महाप्रबंधक धनराज कुंडू और हरियाणा राज्य इंजीनिय¨रग कारपोरेशन के सीनियर इंजीनियर नेकीचंद ने गांव मोड़ी पहुंच कर बस का निरीक्षण किया। हालांकि अफसरों का कहना है कि सामान्यत: बसों में 12 से 14 टन वाले एसी का प्रयोग किया जाता है, लेकिन अमित ने केवल 1.5 टन एसी का प्रयोग किया है। साथ ही अमित को बस में सर्दियों के मौसम में तापमान को सामान्य करने और लोगों को हीटर की व्यवस्था के भी इंतजाम करने के टिप्स दिए। कुल 10 लाख रुपये किए खर्च
अमित ने रोडवेज के बेड़े से कड़ी मशक्कत के बाद दो लाख रुपये जमा करवाकर करीब एक वर्ष पूर्व एक स्क्रैप बस को खरीदा। जिसके बाद उसने क्रेन की सहायता से बस को अपने खेतों में पहुंचाया। लेकिन पढ़ाई व खेतीबाड़ी में व्यस्त रहने के चलते वह अपनी ड्रीम बस पर काम शुरू नहीं कर पाया। खेतों में सरसों की बिजाई करने के बाद अमित ने लगभग 21 दिन पूर्व इस बस पर काम करना शुरू किया। जिसमें अमित ने बस के क्षतिग्रस्त हिस्सों को हटाकर उनकी जगह नए पार्ट लगाए। पूरी बस को पेंट कर नया स्वरूप दिया। बस के अंदर सीटों की मरम्मत की। इसके साथ ही बस को वातानुकूलित बनाने के लिए खिड़कियों में शीशे व लकड़ी का फ्रेम लगाकर उन्हें भी पूरी तरह से बंद किया। इस पर अमित ने कुल 10 लाख रुपये का खर्च किया है। भेजी जा रही रिपोर्ट : जीएम
चरखी दादरी रोडवेज डिपो के महाप्रबंधक धनराज कुंडू ने बताया कि बस में अभी काफी सुधार की जरूरत है। जिनके बारे में अमित को अवगत करवाया गया है। उन्होंने कहा कि बस को एंबुलेंस के तौर पर आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। फिलहाल बस की रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है।