सतगुरु शरण में जाने से बदल जाता है भाग्य : कंवर महाराज
जागरण संवाददाता, भिवानी : सतगुरु शरण मे जाने से इंसान के दिन ही नहीं बल्कि उसका भाग्य भी बद
जागरण संवाददाता, भिवानी : सतगुरु शरण मे जाने से इंसान के दिन ही नहीं बल्कि उसका भाग्य भी बदल जाता है। क्योंकि ये सतगुरु ही है जो ये जानता है कि इंसान का भला किस चीज में छिपा है। सतगुरु दर्पण की भांति है। जिस प्रकार दर्पण आपके दाग धब्बों को दिखाता है उसी प्रकार सतगुरु भी आपके सही भाव को प्रकट करता है। संतों की बात तीन लोक से ऊपर की है। अगर सत्संग सतगुरु और सतनाम न होता तो एक और योनि को हम गंवा बैठते। यह सत्संग वाणी राधा स्वामी दिनोद के हुजूर कंवर साहेब महाराज ने दिनोद में स्थित राधा स्वामी आश्रम में फरमाई। हुजूर कंवर साहेब ने कहा कि कर्म करना इंसान की मजबूरी है। ये बात बड़ी अटपटी है कि इंसान उस रास्ते की तरफ नहीं जाता जो उसके मन की खटपट को मिटाता है। राधास्वामी मत मन की खटपट को मिटाता है। उन्होंने कहा कि राधास्वामी मत के प्रारंभ में इसका बड़ा विरोध किया गया। तरह-तरह की बातें बनाई गई।मजाक उड़ाया गया कि इस मत वाले तो माथे पर बल्ब लगाए या दिया लिए घूमते है जो ये मस्तिष्क में प्रकाश की बात करते हैं। मजाक उड़ाने वाले ये भूल गए कि सभी संतों ने उस प्रकाश की विस्तृत चर्चा की है। हकीकत भी यही है कि जो सूरत शब्द की साधना करके उस प्रकाश को प्राप्त कर लेता है। उसकी खटपट सदा के लिए मिट जाती है। गुरु महाराज ने फरमाया की सारी शक्तियां आपके अंतर में है। नकारात्मक भी सकारात्मक भी, जैसे आपके ख्याल होंगे, वैसी ही आपकी गति होगी। सतगुरु शरण में आपकी नकारात्मक वृतियों पर अंकुश लग कर आपकी सकारात्मकता जागृत हो जाती है।