नहीं हुआ रावण दहन, घर पर विजयदशमी पूजन
संवाद सहयोगी बवानीखेड़ा रविवार को दशहरे के अवसर पर इस बार कोविड-19 के चलते रावण
संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा:
रविवार को दशहरे के अवसर पर इस बार कोविड-19 के चलते रावण दहन कार्यक्रम न हो सका। लोगों ने घर पर रहकर अपने परंपरागत तरीके से सादगी के साथ त्योहार मनाया। कोरोना के कारण इस बार रामलीलाओं का मंचन भी न किया जा सका। ढाणी सांवरमल निवासी गोरधन दास रोहिल्ला ने अपने घर पर पिछले दस दिनों से निरंतर रामकथा का वाचन किया। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों की रामायण देखने की इच्छा रहती है।इस बार कोरोना के चलते रामलीलाओं का मंचन न हो सका। इसलिए उन्होंने बच्चों को रामकथा के माध्यम से रामायण के प्रेरक प्रसंगों से बच्चों को संस्कारित किया। उन्होंने बताया कि बच्चों में नैतिक मूल्यो विकास बचपन से करना चाहिए।
घर पर बनाए देसी घी के पकवान:- कोरोना के चलते लोगों ने इस बार बाजार से मिठाईयां कम ही खरीदी।वार्ड 15 निवासी संतरा देवी ने बताया कि उन्होंने पारम्परिक तरीके से सादगी के साथ दशहरा मनाया।घर पर ही देशी घी के पकवान बनाए।निर्मला देवी ने बया की उन्होंने भी चूल्हे पर देशी घी का हलवा बनाया।एसी प्रकार दयावंती, अंगूरी ओमपति ने भी बाजार से मिठाई न खरीद कर अपने देसी पकवान, हलवा, पूरी, खीर, चूरमा, मालपुरे बनाकर परिजनों को खिलाए।
बच्चों ने बनाए बिन्दरवाल,ग्रीटिग:-कोरोना के चलते बच्चों भी शॉपिग से दूर रहे।बीके स्कूल की चतुर्थ कक्षा की छात्रा तनवी कोकचा ने घर पर ही बिन्दरवाल और दशहरे से सम्बंधित ग्रीटिग कार्ड बनाएं। एसी प्रकार राधिका, यशु, चंद्रिमा, लक्षिता, तरुणा, गीतिका और मनमीत ने भी घर पर ही सजावटी समान बनाया।