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ढाणी हरसुख में किसान की जमीन पर कब्जा कर बनाया गया राजीव गांधी केंद्र जेसीबी से गिराया

-- कोर्ट ने किसान की फरियाद पर दिए थे जमीन से कब्जा हटाने के आदेश फोटो 2

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 01:56 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 06:34 AM (IST)
ढाणी हरसुख में किसान की जमीन पर कब्जा कर बनाया गया राजीव गांधी केंद्र जेसीबी से गिराया
ढाणी हरसुख में किसान की जमीन पर कब्जा कर बनाया गया राजीव गांधी केंद्र जेसीबी से गिराया

जागरण संवाददाता, भिवानी : गांव ढाणी हरसुख निवासी एक किसान की जमीन पर छह साल पहले पंचायत द्वारा नियमों को ताक पर रख कर बनाए गए राजीव गांधी केंद्र को जिला कोर्ट ने गिराने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश पर रविवार को वर्तमान पंचायत ने जेसीबी की मदद से केंद्र को गिरा कर जमीन खाली करवाई। कोर्ट ने यह जमीन एक अगस्त तक खाली करवा कर किसान को सौंपे जाने के आदेश दिए है।

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गांव ढाणी हरसुख निवासी किसान कंवर सिंह ने बताया कि उसकी गांव में रोड के साथ लगती करीब चार मरले यानी की 120 गज जमीन है। वर्ष 2013 में गांव के वर्तमान सरपंच हंसराज ने प्रस्ताव पास कर इस जमीन को पंचायती जमीन बताते हुए इस पर राजीव गांधी केंद्र की स्थापना कर दी। वहां पर केंद्र बनाने का विरोध करते हुए पंचायत से अपील की, लेकिन निर्माण कार्य नहीं रोका गया।

किसान का कहना है कि उसने इस संबंध में भिवानी जिला कोर्ट में केस दायर कर न्याय मांगा। कोर्ट ने इस पर तीन साल बाद ही आदेश देते हुए वर्ष 2016 में जमीन खाली कर उसके हवाले करने के आदेश दिए थे, लेकिन पंचायत ने कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की। पंचायत द्वारा इस मामले में बीच में स्टे ऑर्डर ले लिया गया। अब अदालत ने इस मामले में सख्त आदेश देते हुए केंद्र को वहां से हटाकर जमीन खाली कर किसान को सौंपे जाने के लिए कहा था। इन आदेशों के बाद पंचायत अधिकारियों व ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि की मौजूदगी में लाखों रुपये की कीमत से बने राजीव गांधी केंद्र को जेसीबी से तोड़कर जमीन खाली करवाई गई। इस जमीन को किसान को सौंपे जाने की कार्रवाई शुरू की गई। करीब 20 लाख रुपये खर्च कर बनाया गया था गांव में राजीव गांधी केंद्र

छह साल पहले तत्कालीन पंचायत ने करीब 20 लाख रुपये की लागत से वहां पर राजीव गांधी केंद्र बनाया था, लेकिन यह केंद्र किसान की जमीन पर बना होने के कारण पंचायत को भारी नुकसान झेलना पड़ा। किसान कंवर सिंह ने कहा कि उसे न्याय पाने के लिए करीब छह साल तक लगातार न्यायालय के चक्कर लगाने पड़े। उसने कहा कि न्याय मिलने पर उसे बेहद खुशी है।


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