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बरसाती पानी का 10 फीसद संरक्षण भी दूर कर सकता है साल भर का पेयजल संकट, वर्षा जल संचयन करना जरूरी

जागरण संवाददाता चरखी दादरी सभी लोग मिलकर जब तक बरसात के पानी का संचयन शुरू नहीं करें

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 08:42 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 08:42 AM (IST)
बरसाती पानी का 10 फीसद संरक्षण भी दूर कर सकता है साल भर का पेयजल संकट, वर्षा जल संचयन करना जरूरी
बरसाती पानी का 10 फीसद संरक्षण भी दूर कर सकता है साल भर का पेयजल संकट, वर्षा जल संचयन करना जरूरी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : सभी लोग मिलकर जब तक बरसात के पानी का संचयन शुरू नहीं करेंगे, तब तक पानी की परेशानी दूर नहीं होगी। अगर बरसात का केवल 10 फीसद पानी भी संरक्षित कर लें तो किसी को भी साल भर पानी की किल्लत नहीं होगी। उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने जिले के सभी लोगों से जल संरक्षण के लिए सक्रियता से काम करने की अपील की है। अधिकारियों की बैठक में उपायुक्त ने कहा कि प्रत्येक सरकारी कार्यालय और आम लोग जब तक बरसात के पानी का संचयन सुनिश्चित नहीं करेंगे तब तक जल शक्ति अभियान बेमानी है। सबके सामने है कि गर्मी के मौसम में पानी की कमी हो जाती है और लोगों को ट्यूबवेल का पानी मिलता है। पानी की लगातार होती कमी की स्थिति प्रत्येक व्यक्ति के सामने है। लेकिन इसके बावजूद अब तक हम न तो पानी की अहमियत को समझ रहे हैं और न ही पानी बचाने के लिए प्रयास करते हैं। लापरवाही के कारण खत्म हो सकता है पानी

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उपायुक्त ने कहा कि बांध से घरों तक एक लीटर पानी पहुंचने का खर्च लगभग 8 हजार रुपये आता है। हम बिना सोचे ही अपनी गाड़ी धोने और पशुओं को नहलाने के लिए पाइप का इस्तेमाल करते हैं और बहुत सारा पानी व्यर्थ बहा देते हैं। हमारी लापरवाही के कारण आने वाली पीढ़ी को पानी मिलना बहुत मुश्किल होगा। ऐसी ही लापरवाही के कारण केपटाउन शहर में पानी बिल्कुल खत्म हो चुका है। इसलिए हमें अभी से बरसात के पानी का संचयन शुरू करना होगा। इसी से पानी की समस्या का समाधान हो सकता है। जिले में कई लाख करोड़ लीटर बरसता है पानी

उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने कहा कि बारिश का केवल 10 फीसद पानी संरक्षित करने से ही हमें पूरे साल पानी मिल सकता है। एक फार्मूले के अनुसार अगर सालाना 420 एमएम बारिश भी मानी जाए तो भी जिले में प्रति वर्ष लगभग कई लाख करोड़ लीटर बरसात का पानी हर साल बरसता है और जिले की जनसंख्या के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 3940 लीटर पानी मिल सकता है। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने घर, दुकान, फैक्ट्री, कार्यालय इत्यादि की छत पर बरसाती पानी को संरक्षित करने के लिए व्यवस्था करें। इसके लिए अंडर ग्राउंड वाटर स्टोरेज टैंक इत्यादि बनवाएं। साथ ही भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए प्रबंध करें। मानसून आते ही शुरू किया जाए पौधारोपण

उन्होंने कहा कि बारिश की शुरूआत होते ही जिले में युद्व स्तर पर पौधारोपण किया जाए। इस कार्य में ध्यान रखें कि पंचायती जमीन पर भी पौधारोपण हो। केवल उन्हीं स्थानों को चुने जहां पर चाहरदीवारी हो और पौधे बिना किसी अवरोध के पनप सकें। जिला वन अधिकारी कार्यालय की ओर से पौधों की व्यवस्था करवाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी के पास खाली जमीन है तो वहां पर भी पौधे लगाए जा सकते हैं। इस कार्य में आम लोगों और समाजसेवी संस्थानों का भी सहयोग लें। खाद-बीज की दुकानों पर रखें नजर

उपायुक्त मान ने कहा कि बीजाई का समय नजदीक हैं। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बीज और फसलों की दवाइयों की दुकानें संचालित की जा रही है। कृषि विभाग के अधिकारी इन पर नजर रखें और सैंपल भी लें। अगर कोई दुकानदार अवैध तरीके से कोई दवाई या बीज बेचता है तो उस पर कार्रवाई भी करें। सुनिश्चित करें कि नियमों और जरूरत के अनुसार ही किसानों को दवाई इत्यादि दी जाए ताकि दवाई के अत्यधिक प्रयोग के कारण किसी की फसल खराब न हो।


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