छठी कक्षा के संस्कृत पेपर में पाठ्यक्रम के बाहर से पूछे प्रश्न, दिया जाएगा वेटेज
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जा रही कक्षा
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जा रही कक्षा छठी की अर्द्धवार्षिक परीक्षा में मंगलवार को संस्कृत विषय के पेपर में करीब छह सवाल पुराने पाठ्यक्रम में से पूछ लिए गए। जिसके कारण विद्यार्थियों में रोष का माहौल बन गया। पुराने पाठ्यक्रम में से सवाल पूछे जाने के चलते कुछ अध्यापकों ने एससीईआरटी को पत्र भी लिखा है। वहीं, कुछ समय बाद ही एससीईआरटी ने चार प्रश्नों को पाठ्यक्रम से बाहर मानते हुए उनके लिए अलग से वेटेज देने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत आने वाली कक्षा तीन से लेकर आठवीं तक के प्रश्न-पत्र को बनाने का कार्य राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा किया जाता है। मंगलवार को प्रदेश भर के स्कूलों में कक्षा छठी की संस्कृत विषय की अर्द्धवार्षिक परीक्षा आयोजित की गई थी। संस्कृत विषय के प्रश्न-पत्र में कुल 22 प्रश्न दिए गए थे। जिनके अधिकतम अंक 40 निर्धारित किए गए थे।
प्रश्न-पत्र में दिए गए 22 प्रश्नों में से करीब छह प्रश्न पुराने पाठ्यक्रम में से दिए गए थे। जिसकी शिकायत विद्यार्थियों ने अध्यापकों को दी। जिले के कुछ अध्यापकों ने एससीईआरटी को भी मामले से अवगत करवाया। जिसके बाद एससीईआरटी ने चार प्रश्नों को पाठ्यक्रम से बाहर मानते हुए उनके लिए अलग से अधिभार देने का निर्णय लेते हुए प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिए है। 16 अंक के चार प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर
मंगलवार को आयोजित की गई छठी कक्षा के संस्कृत विषय की परीक्षा में कुल 40 में से 16 अंकों के चार प्रश्नों को एससीईआरटी द्वारा पाठ्यक्रम से बाहर माना गया है। जिनमें तीन-तीन अंक के प्रश्न संख्या 19 व 20 तथा पांच-पांच अंक के प्रश्न संख्या 21 व 22 शामिल है। प्राप्त अंकों के अनुपात में दी जाएगी वेटेज
एससीईआरटी द्वारा मंगलवार को जारी किए गए पत्र के अनुसार प्रश्न संख्या 19 से 22 को छोड़कर अन्य प्रश्नों में प्राप्त किए गए अंकों के अनुपात में वेटेज दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर यदि किसी विद्यार्थी ने 40 में से कुल 20 अंक प्राप्त किए हैं तो उसे 8 अंकों की वेटेज दी जाएगी। परिषद ने 16 अंकों के प्रश्नों को पाठ्यक्रम से बाहर माना है।