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कर्मचारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में प्रशासन के खिलाफ प्रदेशभर में होगा आंदोलन

जागरण संवाददाता, भिवानी : हाईकोर्ट की मध्यस्थता के बाद 18 दिन चली रोडवेज की हड़ताल भले ही

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 06:58 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 06:58 PM (IST)
कर्मचारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में प्रशासन के खिलाफ प्रदेशभर में होगा आंदोलन
कर्मचारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में प्रशासन के खिलाफ प्रदेशभर में होगा आंदोलन

जागरण संवाददाता, भिवानी : हाईकोर्ट की मध्यस्थता के बाद 18 दिन चली रोडवेज की हड़ताल भले ही एक बार खत्म हो गई हो, लेकिन कर्मचारियों व सरकार के बीच टकराव की स्थिति फिलहाल बनी हुई है। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के विरोध के बावजूद 191 बसों के परमिट के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि हाईकोर्ट ने 12 नवंबर तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। वही कर्मचारियों ने कहा कि भिवानी के डीसी व एसपी ने आंदोलन को खत्म करवाने के लिए उन लाठी चार्ज करवा दिया था जिसको लेकर अब कर्मचारी लामबंद होंगे तथा बैठक के बाद प्रदेश में डीसी व एसपी पर कार्यवाही को लेकर हर जिले में प्रदर्शन किए जाएंगे। भिवानी में पत्रकार वार्ता कर अपना रुख जाहिर करते हुए कहा कि 720 बसों के परमिट को रद करना ही उनकी पहली और आखिरी मांग होगी।

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सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर, महासचिव सुभाष लांबा व अन्य पदाधिकारियों ने भिवानी में पत्रकार वार्ता आयोजित कर आरोप लगाया कि सरकार ने रोडवेज आंदोलन को दबाने के लिए विशेषकर भिवानी में जो लाठीचार्ज करवाया उसकी कड़े शब्दों में ¨नदा करते हैं। प्रदेश सरकार ने 191 बसों के परमिट की जो प्रक्रिया चलाई है, वह हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। क्योंकि हड़ताल खत्म करते समय माननीय हाईकोर्ट ने कहा था कि 12 नवंबर को सरकार व कर्मचारियों के बीच बातचीत करवाई जाएगी, तब तक रोडवेज हड़ताल के दौरान हुए सारे घटनाक्रम को यथास्थिति रखा जाएगा। ऐसे में माननीय हाईकोर्ट को स्वयं संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि 12 नवंबर को होने वाली बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण बन सके। उन्होंने आरोप लगाया कि भिवानी के प्रशासन ने जानबूझ कर हड़ताल को कमजोर करने के लिए कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया तथा उन्हें प्रताड़ित किया। जिसको लेकर कर्मचारियों में सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है। कर्मचारी नेताओं ने कहा सरकार कर्मचारी को कर्मचारियों से लड़वाना चाहती थी, इसलिए इस तरह की भर्ती की। गौरतलब है कि 12 नवम्बर को होने वाली बातचीत से पहले ही सरकार की तरफ से नई बसों के लिए शुरू की गई टेंडर प्रक्रिया कर्मचारियों के गले नहीं उतर रही, जिसके चलते बातचीत से पहले ही माहौल बिगड़ता नजर आ रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर सरकार से बातचीत के दौरान उनका मसला हल नही हुआ तो वे भी पीछे नही हटेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार आखिरकार क्यों अड़ी हुई है, इस बात की जानकारी नही मिल रही। जबकि कर्मचारी व हर आदती इन प्राईवेट बसों के विरोध में है।

साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि रात को साढ़े बारह बजे उन्हें जेल में डाला गया जबकि शाम 6 बजे के बाद जेल में गिनती हो जाती है। कर्मचारी नेता मास्टर वजीर ¨सह व जनवादी महिला समिति की शहरी अध्यक्ष बिमला घणघस व अन्यों ने आरोप लगाए कि जब उन्हें हवालात में रखा गया, तब उनके बदन पर एक कपड़ा नहीं छोड़ा। इस अवसर पर संयुक्त कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव शिवकुमार पराशर, सीटू राज्य अध्यक्ष कामरेड सतबीर ¨सह, यादविरेंद्र शर्मा, सुखदेव ¨सह, मास्टर सुखदर्शन सरोहा, संजय ¨सह, धर्मबीर पुट्ठी, सूरजभान ¨सह, सुकेश कुमार, सहदेव ¨सह, धर्मबीर भाटी, लोकेश कुमार, पुरुषोत्तम दानव, कमल कांगड़ा, राकेश मलिक, राजेश लांबा, बलवान दहिया, अजीत राठी, अनिल कुमार सहित अनेक कर्मचारी नेता उपस्थित थे।


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