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कोरोना संक्रमण के दौर में सौ फीसद बच्चों के दाखिलों की तैयारी

सुरेश मेहरा भिवानी कोरोना संक्रमण के दौरान में शिक्षा भी प्रभावित रही है। जैसे ही

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 05:40 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 05:40 AM (IST)
कोरोना संक्रमण के दौर में सौ फीसद बच्चों के दाखिलों की तैयारी
कोरोना संक्रमण के दौर में सौ फीसद बच्चों के दाखिलों की तैयारी

सुरेश मेहरा, भिवानी:

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कोरोना संक्रमण के दौरान में शिक्षा भी प्रभावित रही है। जैसे ही कोरोना संक्रमण से राहत मिलने लगी है अब दूसरे राज्यों से वापस आने वाले और दूसरे राज्यों में रह रहे हरियाणा प्रदेश के बच्चों की वापसी पर स्कूलों में उनके 100 फीसद दाखिले करवाने के लिए शिक्षा विभाग गंभीर है। इसके लिए बाकायदा सर्वे करने की तक की जिम्मेदारी दी गई है। इसे सफल बनाने के लिए स्कूल स्तर से लेकर जिला स्तर की कमेटियों का गठन कर ड्राप आउट की दर शून्य तक लाने का लक्ष्य दिया गया है। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, खंड शिक्षा अधिकारी और स्कूल मुखियाओं को पत्र लिख कर स्पेशल निर्देश दिए हैं। कोरोना काल में कितने बच्चे नहीं ले सके दाखिला होगा सर्वे

शिक्षा विभाग ने जो बच्चे दाखिला नहीं ले सके उनका सर्वे करवाने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रोफार्मा जारी किया गया है। इसमें विद्यार्थी का सीरियल नंबर, विद्यार्थी का नाम, पिता का नाम, विद्यार्थी नया है या स्कूल छोड़ा है, किस राज्य से यहां आया है। ये कालम प्रोफार्मा में दिए गए हैं। इनके आधार पर सर्वे होगा। जिलास्तर तक चार कमेटी गठित

इस सर्वे और बच्चों के 100 फीसदी दाखिलों के लिए स्कूल, कलस्टर, खंड और जिला स्तर पर कमेटी गठित की गई हैं। इनमें सभी कमेटियों को अपने स्तर पर जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा इन कमेटियों पर नजर रखने को जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, डीपीसी, प्रधानाचार्य और डाइट अपने-अपने जिला में एक-एक खंड के नोडल अधिकारी भी होंगे। पूरे जिला को हर हाल में ड्रापआउट मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। स्कूल मुखिया को इन बिदुओं पर फोकस करने के निर्देश

-कोविड-19 महामारी के चलते जो बच्चे किसी दूसरे राज्य या दूसरे स्कूल में चले गए उनका विवरण दें।

-बच्चों का उन स्थानों पर कितना ठहराव रहा, यह भी बताएं।

-जो बच्चे कोरोना महामारी के चले गए उनका भी विवरण तैयार करना है।

-जिन विद्यार्थियों ने दूसरे राज्यों में जाकर यहीं कहीं दूसरी जगह दाखिला ले लिया है उनका नाम काटा जाए।

-बच्चों का कक्षा अनुसार विवरण तैयार किया जाए, जिससे कि मिड डे मील, वर्दी पुस्तकों की गणना की जा सके।

दूसरे राज्यों के बच्चे स्कूल आते हैं तो उनको पहचानपत्र के आधार पर ही दाखिला दे दिया जाए।

-इन बच्चों के विवरण की जानकारी निदेशालय को दी जाए।

-निश्शुल्क शिक्षा की सभी सुविधाएं इन बच्चों को दी जाएं।

-इसके अलावा कई अन्य जरूरी निर्देश भी 100 फीसदी दाखिलों के लिए दिए गए हैं। वर्जन

दूसरे राज्यों से वापस आने वाले और यहां से दूसरे राज्यो में जाकर वापस आने वाले बचों के 100 फीसदी दाखिले सुनिश्चि करने के लिए निदेशालय की तरफ से पत्र भेजा गया है। विभाग की तरफ से निदेशालय के निर्देशों की अनुपालना की जाएगी।

रामअवतार शर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी


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