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जिले में 250 में से सात को ही मिला ऋण, मिनी डेयरी योजना को लेकर उठे सवाल

चरखी दादरी : सरकार द्वारा चलाई जा रही मिनी डेयरी योजना दादरी जिले में दम तो

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 11:51 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 11:51 PM (IST)
जिले में 250 में से सात को ही मिला ऋण, मिनी डेयरी योजना को लेकर उठे सवाल
जिले में 250 में से सात को ही मिला ऋण, मिनी डेयरी योजना को लेकर उठे सवाल

पुनीत शर्मा, चरखी दादरी :

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सरकार द्वारा चलाई जा रही मिनी डेयरी योजना दादरी जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है। काउंसि¨लग के बाद पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा करीब 250 लोगों की फाइलों को बैंकों के पास लोन के लिए भेजा था, लेकिन अभी तक सात फाइलों पर ही लोन जारी किया जा सका है। जिसके चलते आवेदक अभी भी योजना के लाभ के लिए अफसरों के चक्कर काट रहे हैं।

बताया जा रहा है कि बैंक अफसर फाइलों को पास करने के लिए रुचि नहीं ले रहे हैं। जिसके चलते फाइलें अटकी हुई हैं। हरियाणा सरकार ने प्रदेश के बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने हेतु मिनी डेयरी योजना शुरू की थी। योजना के तहत न्यूनतम तीन और अधिकतम 50 पशु के लिए बैंक द्वारा लोन कराते हुए मिनी डेयरी शुरू कराई जानी थी। योजना के तहत लोन वाले लोगों के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी की सुविधा भी देने की घोषणा की थी। जिसके तहत लोन पर लगाई जाने वाली ब्याज को सरकार द्वारा वहन किया जाना था।

योजना की घोषणा के बाद पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अफसरों ने इसके लिए लोगों के आवेदन प्राप्त करने और सर्वे और जांच पड़ताल के बाद फाइलों को लोन के लिए बैंक को भेजना शुरू किया। बताया जा रहा है कि अभी तक अफसरों ने 250 से अधिक फाइलों को सर्वे और जांच पड़ताल के बाद बैंकों को लोन के लिए भेजा है, लेकिन अभी तक बैंकों ने केवल सात फाइलों पर ही लोन पास किया है। जिसके चलते आवेदक लगातार लोन के लिए चक्कर लगा रहे हैं। ब्याज की सब्सिडी देती है सरकार

मिनी डेयरी योजना के तहत सरकार द्वारा लाभार्थी को सब्सिडी की भी घोषणा की थी। योजना के तहत लोन पर लगाई जाने वाली ब्याज लाभार्थी से वसूली नहीं जाएगी। ब्याज का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। जिसका सीधा मतलब है कि लोन लेने वाले व्यक्ति को केवल मूलधन को ही बैंक को वापस करना है। एससी वर्ग की योजनाएं भी हो रही विफल

एससी वर्ग के लिए शुरू की गई डेयरी योजना भी विफलता का शिकार हो रही है। योजना में 20 बकरी व एक बकरा या फिर 15 फीमेल सूअर व एक मेल सूअर की योजना सरकार ने बनाई थी। इसमें आवेदक के लिए यूनिट कीमत पर 50 फीसद सब्सिडी देने की भी घोषणा सरकार ने की थी। इसमें भी विभाग को 250 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए जिन्हें काउंसि¨लग के बाद बैंकों को भेज दिया गया था, इसमें से केवल 17 फाइलों पर ही लोन जारी किया गया है। 18 से 55 वर्ष तक के कर सकते है आवेदन

मिनी डेयरी योजना के लिए 18 से 55 वर्ष का व्यक्ति ही आवेदन कर सकता है। 18 वर्ष से कम और 55 वर्ष से अधिक उम्र के आवेदक को योजना के लिए पात्र नहीं माना जाएगा और उसका आवेदन स्वत: निरस्त कर दिया जाएगा। बैंकों में भेजी जाती हैं फाइलें: उपनिदेशक

पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप निदेशक डा. जसवंत ¨सह ने बताया कि आवेदकों की जांच पड़ताल और काउंसि¨लग के बाद ही फाइलें बैंकों को भेजी जाती हैं। बैंकों के स्तर से फाइलों पर लोन पास करने में देरी की जाती है। जिससे लाभार्थी परेशान हैं। शीघ्र लोन देने के दिए आदेश: एलडीएम

जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि सभी बैंकों को योजना के आवेदकों को शीघ्र जांच पड़ताल के बाद लोन जारी करने के आदेश दिए हैं। आदेशों में लापरवाही किए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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