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लॉकडाउन में टमाटर, शिमला मिर्च उत्पादक किसान हुए बर्बाद

संवाद सहयोगी लोहारू सरकार की नीति सब्जी उगाओ-मुनाफा कमाओ और नेताओं के लुभावने भाषण्

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 11:04 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 06:08 AM (IST)
लॉकडाउन में टमाटर, शिमला मिर्च उत्पादक किसान हुए बर्बाद
लॉकडाउन में टमाटर, शिमला मिर्च उत्पादक किसान हुए बर्बाद

संवाद सहयोगी, लोहारू : सरकार की नीति सब्जी उगाओ-मुनाफा कमाओ और नेताओं के लुभावने भाषणों के जाल में फंसकर हमने टमाटर व शिमला मिर्च की खेती कई एकड़ में कर डाली। अब लॉकडाउन के कारण भाव नहीं मिलने से वे सूदखोर प्राइवेट बैंकों के जाल में बुरी तरह फंस गए। सरसों, गेहूं की परंपरागत खेती से भी हाथ धो बैठे। अब एक तरफ शाम को रोटी का संकट तो दूसरी ओर बैंकों का महंगा ब्याज भरने का दबाव। इस हालत में जाएं तो जाएं कहां। यह कहना है भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले शनिवार को भिवानी रोड पर एक खेत में हुए पंचायत में किसानों का। भाकियू के जिला उपाध्यक्ष आजाद सिंह भूंगला की अध्यक्षता में किसान गोपीचंद के खेत में यह पंचायत हुई। पंचायत में अपना दुखड़ा सुनाते हुए पीड़ित किसान गोपीचंद, राजबीर ढाणी मनसुख, रामकुमार, रामसिंह, निरंजन, चन्दगीराम, सुरेन्द्र, जयबीर लोहारू तथा राजेन्द्र पहाड़ी आदि ने कहा कि टमाटर व शिमला मिर्च के उचित भाव न मिलने के कारण आज वे भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। भाकियू के जिला उप प्रधान आजाद सिंह ने किसानों की माली हालात पर दु:ख जताते हुये कहा कि 26 मई को लोहारू खंड के पीड़ित किसान एसडीएम को ज्ञापन देंगे। इस बारे में आज ही मुख्यमंत्री को पत्र भेजा जाएगा। उन्होंने मांग की कि सरकार इन पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं बल्कि 80 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से कोरोना राहत के रूप में दिया जाए। ताकि इनके नुकसान की भरपाई हो सके और किसान जिदा रह सकें। जिला प्रधान मेवासिहं आर्य ने कहा कि सरकार की नीति सब्जी उगाओ-मुनाफा कमाओ आज जी का जंजाल बन गई है। बेचारा किसान माथे पर हाथ रख कर सोच रहा है कि टमाटर व शिमला मिर्च के लागत की भरपाई कहां से करे। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते सरकार ने किसानों को राहत नहीं दी तो भाकियू निर्णायक आदोलन का एलान करेगी।

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