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अब गंबुजिया मछली के जरिए शहर में दूर होगी मच्छरों की समस्या, आधा दर्जन तालाबों में छोड़ी मछलियां

जगदीप सिंह चरखी दादरी जिले में मच्छरों की बढ़ती संख्या पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 11:06 PM (IST)
अब गंबुजिया मछली के जरिए शहर में दूर होगी मच्छरों की समस्या, आधा दर्जन तालाबों में छोड़ी मछलियां
अब गंबुजिया मछली के जरिए शहर में दूर होगी मच्छरों की समस्या, आधा दर्जन तालाबों में छोड़ी मछलियां

जगदीप सिंह, चरखी दादरी : जिले में मच्छरों की बढ़ती संख्या पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग व बाबा स्वामी दयाल सेवा संघ ने सोमवार को शहर के आधा दर्जन तालाबों में गंबुजिया मछली छोड़ी। स्वास्थ्य विभाग से सीएमओ डा. प्रदीप शर्मा का कहना है कि तालाबों में मछलियां छोड़ने से मच्छर जनित रोगों पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा। सीएमओ डा. प्रदीप शर्मा के दिशा निर्देश पर बाबा स्वामी दयाल सेवा संघ के सचिव रिम्पी फौगाट ने स्वास्थ्य विभाग टीम और संस्था सदस्यों के साथ शहर के श्यामेसर तालाब, गूगा घाटी जोहड़, बालावाला जोहड़, छोटूराम स्कूल के पीछे, चरखी दरवाजा व सदर थाने के पीछे वाली खाड्डी में लगभग 200 गंबुजिया मछली छोड़ी। डा. प्रदीप शर्मा ने बताया कि यह मछली प्रतिदिन 300 मच्छरों के लारवे को खा जाती है। उन्होंने बताया कि इनकी आयु भी चार से पांच साल तक होती है। तालाबों में छोड़ी गई मछलियों की संख्या बढ़ने के

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बाद शहर में मलेरिया, डेंगू जैसी अनेक बीमारियों पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा। बाक्स :

एक माह में 200 बच्चे देती है गंबुजिया मछली

स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षक जगदीश जाखड़ ने बताया कि प्रति तालाब में उन्होंने लगभग 50 मछलियां छोड़ी है। इन मछलियों की प्रजनन क्षमता भी काफी तेज होती है। उन्होंने बताया कि एक गंबुजिया एक माह में 50 से 200 बच्चे तक पैदा कर सकती है। इन तालाबों में मछलियों की संख्या बढ़ने के बाद मच्छरों का लारवा नहीं बन पाएगा। ऐसे में हर साल बरसाती सीजन के दौरान मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारी नहीं बढ़ पाएगी। बाक्स:

मच्छरों का लारवा होता है इनका भोजन

सिविल सर्जन डा. प्रदीप शर्मा ने बताया कि मच्छर जनित रोगों पर काबू पाने के लिए इन मछलियों को तालाबों में छोड़ा जाना आवश्य था। गंबुजिया मछली मच्छरों के लारवे को ही भोजन के रूप में खाती हैं। शहर में मच्छरों का लारवा नहीं बनने से कई बीमारियां नहीं होंगी। बाक्स :

संघ ने मांगी थी गंबुजिया की खेप

बाबा स्वामी दयाल संघ के सचिव रिपी ने बताया कि शहर में मलेरिया व डेंगू के मरीजों की संख्या को कम करने के लिए गंबुजिया मछली अहम भूमिका निभा सकेगी। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था ने सिवल सर्जन डा. प्रदीप शर्मा से इन मछलियों की खेप मांगी थी ताकि शहर के सभी तालाबों और खाडियों में इनको छोड़ा जा सके। बाक्स :

इन सभी सदस्यों ने निभाई अहम भूमिका

शहर को मच्छरों से मुक्ति दिलवाने के लिए बाबा स्वामी दयाल सेवा संघ और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अहम भूमिका निभाई है। टीम में स्वास्थ्य निरीक्षक जगदीश जाखड, इंद्रजीत सिंह, संजय कुमार के अलावा बोबी फौगाट, रिम्पी फौगाट, मास्टर दिनेश श्योराण, बबल फौगाट, दीपक, रोहित, आशीष, सुनील, राहुल, धीरज जैन, राहुल गर्ग, सुरेंद्र, नरेंद्र इत्यादि का विशेष सहयोग रहा।


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