अब ओवरलोड वाहन मिलने पर चालान के साथ वसूला जाएगा टैक्स
क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण आरटीए व अन्य विभागों की कार्रवाई से बच
सचिन गुप्ता, चरखी दादरी : क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण, आरटीए व अन्य विभागों की कार्रवाई से बचने के लिए अभी तक जहां ओवरलोडिग से जुड़े वाहन मालिकों व चालकों द्वारा वाट्सएप ग्रुप बनाकर अधिकारियों की रेकी की जाती थी। वहीं अब ओवरलोडिग पर लगाम लगाने तथा ओवरलोडिग के कारण होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भी एक वाट्सएप ग्रुप बना लिया है। इस ग्रुप में दादरी के जिला उपायुक्त, नगराधीश, पुलिस उप-अधीक्षक, जिला परिवहन अधिकारी, आबकारी एवं कराधान उप-आयुक्त, बिक्री कर के अधिकारी, वन मंडल अधिकारी, हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को शामिल किया गया है। अब आरटीए या अन्य किसी अधिकारी द्वारा ओवरलोड व इसी कार्य से जुड़े किसी वाहन को पकड़ा जाता है तो उसकी जानकारी इस वाट्सएप ग्रुप में शेयर की जाएगी। अभी तक ओवरलोडिग वाहनों पर केवल आरटीए द्वारा ही कार्रवाई अमल में लाई जाती थी। लेकिन अब जिले की सड़कों पर कोई वाहन ओवरलोड पाया जाता है तो आरटीए द्वारा चालान करने के साथ ही अन्य विभागों द्वारा भी कार्रवाई की जाएगी। जिसमें सबसे मुख्य भूमिका खनन विभाग तथा आबकारी एवं कराधान विभाग की रहेगी। इन विभागों द्वारा संबंधित वाहन में बिल में दर्शाई गई मात्रा से अधिक मिलने वाली सामग्री पर टैक्स की वसूली भी की जाएगी।
गौरतलब है कि बीती 30 दिसंबर को उपायुक्त राजेश जोगपाल के नेतृत्व में अवैध खनन व ओवरलोडिग को रोकने के लिए बनाई गई जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में अधिकारियों का वाट्सएप ग्रुप बनाने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शामिल करते हुए वाट्सएप ग्रुप बना दिया गया है। ऐसे होता है राजस्व का नुकसान
माइनिग व क्रशर जोन से निकलने वाली निर्माण सामग्री पर पांच फीसद की दर से वस्तु एवं सेवा कर, जीएसटी लगाया जाता है। इसके अलावा खनन विभाग को रायल्टी व मिनरल टैक्स के रूप में भी राजस्व प्राप्त होता है। ये सभी टैक्स वाहन के लिए जारी होने वाले ई-रवाना बिल पर लागू होते हैं। लेकिन क्रशर जोन में अधिकांश वाहनों में निर्माण सामग्री निर्धारित क्षमता से दो या तीन गुणा अधिक भर दी जाती है, जबकि ई-रवाना केवल वाहन की निर्धारित क्षमता के अनुसार बनाया जाता है। जिससे सरकार को वाहन में भरी गई अतिरिक्त सामग्री पर लगने वाले जीएसटी व अन्य टैक्स के रूप में मिलने वाले राजस्व का नुकसान होता है। खाली करवाई जाएगी क्षमता से अधिक सामग्री
ओवरलोडिग को पूरी तरह रोकने के लिए दादरी जिला प्रशासन द्वारा एक और निर्णय लिया गया है। जिसके अनुसार यदि कोई भी वाहन ओवरलोड पाया जाता है तो उसका नियमानुसार चालान करने के साथ-साथ निर्धारित क्षमता से अधिक सामग्री को एक जगह पर खाली करवाया जाएगा। इसके लिए दादरी में सीमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया, सीसीआइ की जमीन का अस्थाई तौर पर चयन किया गया है। उपायुक्त राजेश जोगपाल ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। ओवरलोडिग रोकने को प्रशासन संकल्पबद्ध : उपायुक्त
दादरी के जिला उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बताया कि ओवरलोड वाहनों के कारण सड़कें टूटती हैं तथा सरकार को भी राजस्व का नुकसान होता है। इनके अलावा ओवरलोड वाहनों से सड़क दुर्घटनाएं होने का भी खतरा बना रहता है। साथ ही ओवरलोडिग पर कानूनी दृष्टिकोण से भी प्रतिबंध हैं। इन सभी बिदुओं को ध्यान में रखते हुए दादरी जिला प्रशासन ओवरलोडिग को रोकने के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध हैं। इसके लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।