रात का रिपोर्टर : मुख्य मार्गो पर मुस्तैद नजर आए पुलिस कर्मी, कई सड़कों पर था बेसहारा पशुओं का राज
सचिन गुप्ता, चरखी दादरी : मंगलवार को दैनिक जागरण की टीम ने देर रात शहर का दौरा कि
सचिन गुप्ता, चरखी दादरी :
मंगलवार को दैनिक जागरण की टीम ने देर रात शहर का दौरा किया। इस दौरान टीम ने रात के समय शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मुख्य चौराहों, मुख्य मार्गों पर होने वाली गतिविधियों का जायजा लिया। जिसमें नगर के विभिन्न मुख्य चौराहों पर पुलिस कर्मी मुस्तैद नजर आए। ये पुलिस कर्मी वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों से पूछताछ कर वाहनों की तलाशी भी ले रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ शहर की विभिन्न सड़कों पर बेसहारा पशु घूमते हुए नजर आए। जो वाहन चालकों के लिए काफी परेशानियों का सबब बन रहे थे। इसके अलावा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर भी देर रात लोगों की थोड़ी बहुत हलचल नजर आई। कुछ लोग साधन न मिलने के कारण दुकानों पर चाय की चुस्कियां ले रहे थे। समय 11 बजे, भगवान परशुराम चौक
दैनिक जागरण की टीम जब रात को करीब 11 बजे दादरी नगर के भगवान परशुराम चौक के समीप पहुंची तो यहां पर पुलिस कर्मी तैनात थे। ये पुलिस कर्मी यहां से गुजरने वाले दो पहिया व अन्य बड़े वाहन चालकों से पूछताछ कर रहे थे। इसके अलावा वाहनों की तलाशी भी पुलिस टीम द्वारा ली जा रही थी। समय 11.30 बजे, रेलवे स्टेशन
दैनिक जागरण टीम रात को करीब 11.30 बजे नगर के रेलवे स्टेशन पर पहुंची। यहां पर भी रेलवे स्टेशन के बाहर दुर्गा शक्ति पुलिस तैनात नजर आई। पुलिस द्वारा यहां पर हिसार व रेवाड़ी की तरफ से आने वाली ट्रेनों से उतर कर बाहर आ रहे लोगों से भी पूछताछ की जा रही थी। 12 बजे, बस स्टैंड
देर रात करीब 12 बजे दैनिक जागरण टीम जब बस स्टैंड पहुंची। बस स्टैंड परिसर के अंदर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ था। हालांकि बस स्टैंड के बाहर स्थित एक चाय की दुकान पर कुछ लोग चाय की चुस्कियां जरूर ले रहे थे। ये वे लोग थे जिन्हें बाढड़ा, महेंद्रगढ़, सतनाली की तरफ जाना था। लेकिन कोई साधन उपलब्ध न होने के कारण उन्हें मजबूरन यहां पर ठहरना पड़ा था। 12.30 बजे, लोहारू रोड, महेंद्रगढ़ रोड
बस स्टैंड के बाद टीम ने नगर के लोहारू रोड, महेंद्रगढ़ रोड का जायजा लिया। इस दौरान दोनों ही सड़कों पर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा नजर आया। जिसके कारण यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। मुख्य सड़कों पर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा होने से वे दावे भी सच नजर आए, जिसमें लोग कहते है कि बेसहारा पशु नंदीशाला के बजाय सड़कों पर अधिक रह रहे है।