रेड सिग्नल को तोड़ निकलेगा नया बाईपास रोड
बलवान शर्मा, भिवानी वन विभाग के रेड सिग्नल के बावजूद एक बार फिर से दादरी रोड को तोशाम र
बलवान शर्मा, भिवानी
वन विभाग के रेड सिग्नल के बावजूद एक बार फिर से दादरी रोड को तोशाम रोड से जोड़ने के लिए नए बाईपास के निर्माण की कवायद नए सिरे से शुरू हो गई है। यदि यह बाईपास बनता है तो शहर को जाम से निजात मिल सकेगी। नए बाईपास के निर्माण पर करीब सवा 9 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।
बता दें कि देवसर चुंगी रेल फाटक अधिकांश समय बंद रहती है और लोहारू ओवरब्रिज पर दिनभर जाम लगा रहता है। देवसर चुंगी से लेकर लोहारू पुल और ताऊ देवीलाल चौक तक हर रोज हजारों वाहन जाम में फंसे रहते हैं। इस जाम से मुक्ति पाने के लिए सांसद धर्मबीर ¨सह ने करीब तीन वर्ष पूर्व एक ड्रीम प्रोजेक्ट पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग के माध्यम से तैयार करवाया था। इस प्रोजेक्ट के मुताबिक दादरी रोड को हालुवास से लोहारू रोड से जोड़ते हुए देवसर के खेतों में से होते हुए तोशाम बाईपास रोड से जोड़ने की योजना थी। विभाग ने यह प्रोजेक्ट तैयार कर सड़क निर्माण की अनुमति भी ले ली थी, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने इस पर कलीयरेंस नहीं दी, जिसकी वजह से यह प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया था। मगर पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग के अधिकारियों ने एक बार फिर से नया प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट को बनाने में यह भी देखा गया है कि सड़क मार्ग में पेड़ों की संख्या बहुत ही कम हो, ताकि वन विभाग से कलीयरेंस लेने में कोई परेशानी न हो। इस नए प्रोजेक्ट के तहत करीब सवा 9 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उम्मीद है कि करीब एक माह में नए बाईपास का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
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मिलेगी जाम से निजात
महेन्द्रगढ़ से हांसी, हिसार व पंजाब तक जाने वाले सैकड़ों वाहनों को भिवानी शहर में से गुजरना पड़ता है। हालांकि तोशाम बाईपास बना हुआ है पर वह भी शहर के बीचों बीच आ चुका है। इसी तरह लोहारू की ओर से आने वाले सैकड़ों वाहनों को भी हांसी, हिसार, महम जाने के लिए शहर में से गुजरना पड़ता है। इतने ही वाहनों का दबाव हांसी,हिसार व महम की ओर से दादरी, लोहारू व महेन्द्रगढ़ जाने वाले वाहनों का शहर में रहता है। यदि नया बाईपास बनता है तो शहर को जाम से राहत मिलेगी।
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नया प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए भेजा-कार्यकारी अभियंता
पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग के कार्यकारी अभियंता कृष्ण ने कहा कि करीब सवा 9 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट अनुमति के लिए मुख्यालय को भेज दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलेगी और इस पर कार्य शुरू हो सकेगा। नए प्रोजेक्ट में कुछ सुधार किए गए हैं, ताकि वन विभाग से कलीयरेंस लेने में कोई आपत्ति न हो।