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सिगल यूज प्लास्टिक कचरे को लेकर नगर परिषद सख्त, 50 दुकानदारों को दिए नोटिस

दादरी शहर में लगातार बढ़ रहे सिगल यूज प्लास्टिक कचरे की

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 07:04 PM (IST)
सिगल यूज प्लास्टिक कचरे को लेकर नगर परिषद सख्त, 50 दुकानदारों को दिए नोटिस
सिगल यूज प्लास्टिक कचरे को लेकर नगर परिषद सख्त, 50 दुकानदारों को दिए नोटिस

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी शहर में लगातार बढ़ रहे सिगल यूज प्लास्टिक कचरे की समस्या से निपटने के लिए नगर परिषद ने सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। विभिन्न प्रकार के उत्पादों से उत्पन्न होने वाले सिगल यूज प्लास्टिक को दोबारा से इकट्ठा करने के लिए कोई योजना न बनाने पर नगर परिषद द्वारा करीब 50 दुकानदारों, थोक विक्रेताओं, उत्पादकों, क्लीयरिग एंड फोरवार्डिंग निकासी व अग्रेषण, सी एंड एफ एजेंटों को नोटिस जारी किए गए हैं। जिसमें दूध, डेयरी उत्पाद, चिप्स, कुरकुरे, मेडिकल स्टार्स, शीतल पेय पदार्थों से संबंधित वितरक, थोक विक्रेता, उत्पादक इत्यादि शामिल हैं। नगर परिषद द्वारा न केवल दादरी बल्कि गुरुग्राम, हिसार, सोनीपत इत्यादि जगहों से दादरी में माल भेजने वाले सी एंड एफ एजेंटों व उत्पादकों को भी नोटिस भेजे गए हैं। नगर परिषद द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के सेक्शन 9 के तहत ये नोटिस जारी किए गए हैं।

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गौरतलब है कि लगातार बढ़ते प्लास्टिक व सिगल यूज प्लास्टिक कचरे की समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 बनाया गया था। इस नियम के सेक्शन 9 के अनुसार सभी उत्पादकों, आयातकों तथा ब्रांड मालिकों को उनके उत्पाद से उत्पन्न होने वाला कचरा जैसे दूध व डेयरी उत्पादों के खाली पाऊच, चिप्स-कुरकुरे इत्यादि के पैकेट, पेय पदार्थों की खाली बोतलें, सैनिटरी नैपकीन इत्यादि के खाली पैकेट व अन्य सिगल यूज प्लास्टिक को ग्राहकों से दोबारा इकट्ठा करने के लिए छह माह के अंदर योजना बनानी थी। जिसका मुख्य उद्देश्य सिगल यूज प्लास्टिक कचरे का उचित प्रबंधन करना तथा इसके निस्तारण के लिए संबंधित नगर परिषद पर भार न डालना था। लेकिन अभी तक किसी भी उत्पादक या वितरकों द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई। जिसके चलते दादरी नगर परिषद द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं। बढ़ता जा रहा है प्लास्टिक कचरा

एक तरफ सरकार द्वारा सिगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को बंद करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत दुकानदारों के चालान भी किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ दिन-प्रतिदिन प्लास्टिक की थैलियों व अन्य उत्पादों का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते दादरी के डंपिग प्वाइंट व अन्य जगहों पर काफी मात्रा में प्लास्टिक कचरा एकत्रित हो रहा है। इस प्लास्टिक कचरे का निस्तारण करना भी नगर परिषद के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। योजना बने तो होगा समाधान

दादरी नगर परिषद के सचिव प्रशांत पराशर का कहना है कि यदि सभी दुकानदार, विक्रेता, थोक विक्रेता, सी एंड एफ एजेंट मिलकर योजना बनाएं तो इस समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि उक्त दुकानदार, विक्रेता, थोक विक्रेता इत्यादि या तो उत्पादों के प्रयोग के बाद बचने वाले खाली पाऊच व खाली बोतलों को दोबारा से इकट्ठा करने के लिए ग्राहकों को प्रलोभन दें। इसके अलावा वे अपने स्तर पर एकजुट होकर इस प्रकार के कचरे को एकत्रित करने के लिए अलग से वाहन भी चला सकते हैं। योजना बनाना जरूरी : प्रशांत

नगर परिषद सचिव प्रशांत पराशर ने बताया कि फिलहाल करीब 50 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार जल्द ही अन्य उत्पादकों, विक्रेताओं को भी नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के सेक्शन 9 के अनुसार उत्पादकों, आयातकों, ब्रांड मालिकों को उनके उत्पाद से उत्पन्न होने वाला कचरे को ग्राहकों से दोबारा इकट्ठा करने के लिए योजना बनाना तथा उसे अमलीजामा पहनाना जरूरी है। प्रशांत पराशर ने बताया कि योजना बनने के बाद गीले व सूखे कचरे को अलग करने में भी परेशानी नहीं आएगी।


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