अचानक सायरन बजा तो टेबल के नीचे घुसे अधिकारी
जागरण संवाददाता भिवानी बृहस्पतिवार दोपहर बाद तीन बजे लघु सचिवालय परिसर भूकंप के झटके
जागरण संवाददाता, भिवानी : बृहस्पतिवार दोपहर बाद तीन बजे लघु सचिवालय परिसर भूकंप के झटके से दहल गया। भूकंप से लघु सचिवालय में अफरा-तफरी मच गई। भूकंप के झटके के साथ ही लघु सचिवालय परिसर से सभी अधिकारी व कर्मचारी स्वयं के बचाव के लिए अपने-अपने कार्यालयों से निकल कर बाहर पार्क में एकत्रित हुए। उपायुक्त अजय कुमार ने एमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में अधिकारियों के साथ तुरंत बैठक की और निर्देश दिए कि भूकंप से प्रभावित घायलों की मदद की जाए तथा जो कर्मचारी लघु सचिवालय परिसर में फंसे हुए हैं उनको तुरंत बाहर निकालकर उनका उपचार किया जाए।
उपायुक्त ने भिवानी के एसडीएम महेश कुमार को राहत कार्य के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया। लघु सचिवालय परिसर में ही तुरंत राहत शिविर लगाए गए। भूकम्प की तीव्रता 5.2 रिएक्टर मापी गई। भूकम्प से 30 लोग घायल हुए, जिनमें से 11 को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर किया गया।
उपायुक्त के निर्देश पर सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राहत शिविर की तरफ कूच किया। मॉक ड्रिल रिहर्सल में भूकंप के दौरान लघु सचिवालय परिसर में शॉर्ट सर्किट से एक जगह आग भी लगी, लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ी तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पा लिया गया। ऐसे में आग से कोई हताहत नहीं हुआ। वहां पर स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं पूर्ति विभाग ने राहत शिविर लगाए। भूकंप की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक संगीता कालिया के नेतृत्व में पुलिस बल, रेपिड एक्शन फोर्स और होमगार्ड के जवान लघु सचिवालय पहुंचे। पुलिस अधीक्षक संगीता कालिया ने राहत कार्य में जुटे पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को जरूरी निर्देश दिए।
जिला रेडक्रॉस सचिव श्याम सुंदर के नेतृत्व में 70 वॉलंटियर राहत कार्य में जुटे। वॉलंटियर लघु सचिवालय परिसर के चप्पे-चप्पे को छाना ताकि कोई भूकम्प से प्रभावित व्यक्ति परिसर में फंसा न रहे। फायर ब्रिगेड की गाड़ी तुरंत मौके पर पहुंची और घायल कर्मचारियों को रेडक्रॉस वॉलंटियर की मदद से इमारत से बाहर निकालकर उनको एंबुलेंस के जरिये राहत शिविर में पहुंचाया, जहां पर उनका उपचार किया गया। इसी बीच जिला समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पर एक कर्मचारी के भूकंप के प्रभावित होने की सूचना मिली। इस पर तुरंत फायर ब्रिगेड की गाड़ी कार्यालय के पीछे पहुंची और वहां पर सीढ़ी लगाकर घायल कर्मचारी को बाहर निकाला तथा राहत शिविर तक पहुंचाया।डा. कृष्ण कुमार ने अपनी टीम के साथ घायलों का उपचार किया।
पुलिस व सीआइडी के अधिकारी भूकंप के बारे में पल-पल की रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारियों को देते नजर आए। रेडक्रॉस के 50 से ज्यादा वॉलंटियर ने रक्तदान किया। 150 से ज्यादा अन्य युवाओं ने जरूरत पडऩे पर रक्तदान के लिए अपने नाम लिखवाए। तहसीलदार मोहन लाल को स्टेजिग एरिया का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया। उप पुलिस अधीक्षक विरेन्द्र सिंह, अग्रिशमन अधिकारी जय नारायण, सिविल सर्जन डॉ. जितेन्द्र कादयान स्वयं राहत कार्य में जुटे नजर आए। उपायुक्त अजय कुमार ने जिला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर संतोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने हर संभव बेहतर कार्य किया है। मॉक ड्रिल से प्रशासन को मालूम हुआ है कि कौन से स्थान पर पहुंचने व राहत कार्य में कितना समय लगता है। उन्होंने अलग-अलग विभागों से आपदा प्रबंधन की तैयारियों को और अधिक पुख्ता करने के लिए सुझाव मांगे।
इस दौरान जिला आपदा प्रबंधन के प्रोजेक्ट ऑफिसर प्रवीण कुमार, नप सचिव राजेश महता, संजय कामरा, विकास कुमार, सब फायर ऑफिसर नरेश कुमार, फायरमैन अमित कुमार, राजीव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।