सैनिक परिवार भवन और सात जिलों में चल रही आइटीआइ पर लगा ताला
बलवान शर्मा भिवानी 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद शहीदों की विरांगनाओं व उनके आश्रितों
बलवान शर्मा, भिवानी : 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद शहीदों की विरांगनाओं व उनके आश्रितों को प्रशिक्षण देने के लिए स्थापित किए गए सैनिक परिवार भवन व प्रदेश के सात जिलों में चल रही आइटीआइ पर प्रदेश सरकार ने ताला लगाने का फैसला किया गया है। सैनिक व अर्द्ध सैनिक वेलफेयर विभाग-सचिव डीएसएआर फंड एवं सचिव सदस्य एमजीएमटी कमेटी सैनिक परिवार भवन के निदेशक ने इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया है।
नोटिस में स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार के वित्त विभाग ने फैसला किया है कि सैनिक परिवार भवनों व उनके अंतर्गत संचालित होने वाली आइटीआइ 2019-20 सत्र से बंद की जा रही हैं। 31 जुलाई के बाद वेतन व टर्मिनल सुविधा के लिए कोई ग्रांट रिलीज नहीं की जाएगी। संस्थाओं को भविष्य में चलाने के लिए न ही तो कोई बजट दिया जाएगा और न ही अनुमति दी जाएगी। साथ ही इन संस्थाओं में कार्य कर रहे कर्मचारियों की सेवाओं को कभी भी समाप्त किया जा सकता है। यह नियुक्ति पत्र में सेवा नियमों के तहत अवगत करवाया जा चुका है। 31 जुलाई से कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। ये आइटीआइ हैं
रोहतक में एक एकड़ 3 वर्ग मीटर में
झज्जर में तीन एकड़ में
रेवाड़ी में 3139 वर्ग मीटर एरिया में
दादरी में 2753 वर्ग मीटर एरिया में
जींद में किराये के भवन में
हिसार में किराये के भवन में
पंचकूला में 800 वर्ग मीटर में
सभी आइटीआइ में कुल 52 शिक्षक व कर्मचारी कार्यरत हैं। भारत-पाक युद्ध के बाद हुई थी स्थापना
1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यमुनानगर के छाछरौली में वार विडो होम की स्थापना की गई थी, ताकि शहीद विरांगनाओं व उनके आश्रितों को वोकेशनल ट्रेनिग दी जा सके। इसमें होजरी, कट ग्लास वर्क, हैंडलूम, टेलरिग, कटाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण शामिल था। बाद में सेना से रिटायर्ड कर्मचारियों, पैरा मिल्ट्री फोर्सेस से संबंध रखने वाले कर्मचारियों की आश्रितों को भी इसमें शामिल कर लिया गया था। सन 1986 में यह वार विडो होम को सैनिक परिवार भवन में तब्दील कर दिया गया और सन 1999 में सोसायटी का रजिस्टर्ड करवा दी गई। इसके तहत प्रदेश के 7 जिलों में आटिीआइ स्थापित कर दी गई। इस बारे में सैनिक परिवार भवन के मैनेजर कर्नल नरेश ने कहा कि सैनिक परिवार व आइटीआइ में कार्यरत कर्मचारियों को अन्य आइटीआइ में मर्ज किया जाएगा। हालांकि उनसे पूछा गया कि आदेश में तो आइटीआइ बंद करने के आदेश हैं तो उन्होंने कहा कि वे इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप