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कितलाना टोल पर महिला किसानों ने संभाली धरने की कमान

चरखी दादरी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को कितलाना टोल के अनिश्चित कालीन धरने पर महिला किसान दिवस मनाया गया। धरने की कमान आज पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में रही। महिलाओं में से ही अध्यक्ष मंडल का चयन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 06:33 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 06:33 AM (IST)
कितलाना टोल पर महिला किसानों ने संभाली धरने की कमान
कितलाना टोल पर महिला किसानों ने संभाली धरने की कमान

फोटो : 18 सीडीआर 2,3 जेपीजी में है। कुल 2 फोटो है।

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- कितलाना टोल पर सोमवार को मनाया गया महिला किसान दिवस

- लघु नाटिका भी पेश की महिला रंगकर्मियों ने जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को कितलाना टोल के अनिश्चित कालीन धरने पर महिला किसान दिवस मनाया गया। धरने की कमान आज पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में रही। महिलाओं में से ही अध्यक्ष मंडल का चयन किया गया। मंच संचालन के साथ वक्ता भी महिलाएं ही रही। धरना स्थल पर बड़ी संख्या में उमड़ी महिलाओं ने दिखा दिया कि वो आज किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं।

महिला वक्ताओं ने कहा कि महिलाएं हमारे देश की कृषि व्यवस्था की रीढ़ हैं। दुनिया का पहला किसान महिला को ही माना जाता है। उनके बिना खेती बाड़ी की कल्पना करना भी मुश्किल है। खेती का कार्य 75 फीसद महिलाएं ही संभालती हैं। उसके बावजूद वह केवल 12 फीसद कृषि भूमि की मालिक हैं। आज भी उन्हें किसान होने की नैतिक मान्यता नहीं मिली है। यहां तक की किसानों को मिलने वाली 6000 वार्षिक राशि से भी वह वंचित रह जाती हैं।

पुरुषों के साथ संघर्ष में बराबर रहेगी हिस्सेदारी

महिला वक्ताओं ने कहा कि समाज में जैसे तैसे करके उन्होंने एक मुकाम हासिल कर लिया है। लेकिन केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून लाकर उन्हें तोड़कर रख दिया है। असीमित भंडारण से बढ़ती महंगाई उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेगी। रसोई का बजट बिगड़ने से बच्चे पालना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा। यही वजह है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ वे किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ रही हैं।

इन महिलाओं ने संभाली कमान

कितलाना टोल पर धरने के 25 वें दिन कृष्णा छपार, निर्मला पांडवान, बीरमति डोहकी, शीला बलियाली, रिसालो भिवानी, रतन्नी देवी ने संयुक्त अध्यक्षता की। मंच संचालन कमलेश भैरवी ने किया। उन्होंने कहा कि वे समाज में बराबर की अधिकारी हैं और अब शोषण सहन नहीं करेंगी। इस मौके पर दीपा रोहतक ने किसानों पर एक लघु नाटिका प्रस्तुत की। टोल आज भी फ्री रहा। खास बात यह रही कि पुरुषों भी बड़ी संख्या में धरने पर हाजिर थे। उन्हें धरनास्थल के आखिर में बैठना पड़ा और दूर से मंच की कार्यवाही देखनी पड़ी।

इस मौके पर मुकेश पहाड़ी, भतेरी, शांति देवी, सरती देवी, मुन्नी, फुलपति, परमेश्वरी, ओमपति, इंद्र, सब्जो, ओमली, राजवंती, ज्ञाना, सजनो, दुर्गा, सावित्री, सरोज, कृष्णा, संतोष देशवाल, ज्योति, प्राची, राजेश, राजबाला, प्रवीण, सीमा कितलाना, संतरा, विराज, सुरेखा, कमला, सुनीता, सुखमा इत्यादि मौजूद रही।


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