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मुआवजा वितरण में अनियमितताएं, 8 गांवों के किसानों ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी बाढड़ा गांव काकड़ौली हुकमी सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक द्वारा कथित तौर पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 11:30 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 11:30 PM (IST)
मुआवजा वितरण में अनियमितताएं, 8 गांवों के किसानों ने किया प्रदर्शन
मुआवजा वितरण में अनियमितताएं, 8 गांवों के किसानों ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, बाढड़ा: गांव काकड़ौली हुकमी सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक द्वारा कथित तौर पर प्राकृतिक आपदा पीड़ित किसानों को मुआवजा वितरण में अनियमितताएं बरतने के विरोध में उपायुक्त, एसडीएम कार्यालय को शिकायत देने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने से आठ गांव के किसानों ने भारी रोष जताया है।

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किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में सरकार के खिलाफ किसानों ने मंगलवार को जमकर नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि वे जिला प्रशासन के खिलाफ जल्द रोहतक पहुंच कर मंडलायुक्त, सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के चेयरमैन को शिकायत पत्र सौंपकर मामले की जांच करवाने की मांग करेंगे।

अखिल भारतीय किसान हलकाध्यक्ष मा. रघबीर श्योराण की अध्यक्षता में आठ गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने काकड़ौली हुकमी की ग्रामीण बैंक शाखा पर बैठक आयोजित कर मुआवजा वितरण में अनियमितताएं बरतने पर रोष जताया। बैठक में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए पूर्व सरपंच सीताराम शर्मा ने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना के नाम पर केन्द्र व प्रदेश सरकार भले ही लाख सब्जबाग दिखाए लेकिन धरातल पर किसानों को कोई विशेष राहत नहीं मिल सकती है।

वर्ष 2017 में क्षेत्र में असमय बरसात व प्राकृतिक आपदा से क्षेत्र के गांव काकड़ौली हुकमी, काकड़ौली हठ्ठी, काकड़ौली सरदारा, भारीवास, जीतपुरा, गोपी इत्यादि आठ गांवों की 90 फीसदी तक नरमा, ग्वार बाजरा की फसलें तबाह हो गई लेकिन बीमा एजेंसी ने बैंक प्रबंधकों से सांठगांठ कर अपने चहेते लोगों को ही मुआवजा दिलवाया। इससे हजारों किसानों को बीमा राशि का भुगतान काटने के बाद भी बीमा राशि लाभ योजना में शामिल नहीं किया गया। इससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। अब बीमा कंपनी व बैंक प्रबंधक जानबूझ कर उनकी बातों का समाधान करने की बजाए मूकदर्शक बना हुआ है। सरकार के पास बड़े उद्योगपतियों का पुराना ऋण माफ करने का बजट है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, सस्ते राशन व कृषि क्षेत्र में डा. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के लिए कोई पैसा नहीं है जो सरकार की जनविरोधी मानसिकता को प्रकट करता है। किसान सभा सचिव रामपाल धारणी ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार ने इस क्षेत्र के साथ रोजगार, बिजली पानी व किसानों को खाद मुहैया करवाने में पूरी उदासीनता बरत रही है। बकाया मुआवजे को लेकर जब क्षेत्र के किसान अपनी मांगों को लेकर बैंक प्रबंधक से मिले तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इस पर उनको मजबूरन आंदोलन चलाना पड़ रहा। किसानों ने बताया कि उन्होंने 12 फरवरी को उपायुक्त व उपमंडल कार्यालय पहुंच कर उनको शिकायत पत्र सौंपा था। लेकिन कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। इस मौके पर सरपंच विक्रम सिंह, पूर्व सरपंच सीताराम शर्मा, किसान सभा सचिव रामपाल धारणी, महीपाल भांडवा, पूर्व सरपंच रमेश कुमार, संत, राजेश लाडावास, कपूर सिंह नंबरदार, धर्मबीर सिंह, शक्ति पहलवान, पूर्व जिलाध्यक्ष अमरसिंह बाढड़ा, परमजीत, पंच अनिता देवी, मांगेराम, अजीत सिंह, पूर्व एसआइ राममेहर श्योराण, खेमराज, लीलाराम, मंजीत इत्यादि किसान मौजूद थे।


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