गरजे कर्मचारी, बोले अमानवीय व्यवहार करने वाले डीसी एसपी का हो तबादला
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर कर्मचारियों ने एक बार
जागरण संवाददाता, भिवानी:
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर कर्मचारियों ने एक बार फिर हुंकार भरी है। सरकार और प्रशासन के खिलाफ कर्मचारी गरजे नारेबाजी की और डीसी एसपी के तबादले की मांग की। डीसी एसपी पर कर्मचारियों के साथ अव्यवहार करने के आरोप लगाए। साथ ही प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने चेताया कि रोडवेज बेड़े में प्राइवेट 720 बसों के परमिट रद नहीं किए तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
मंगलवार को संघ के बैनर तले विभागों के कर्मचारी नेहरू पार्क में एकत्रित हुए। कच्चे-पक्के कर्मचारी, किसान, मजदूर, छात्र, महिलाओं का नेतृत्व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा जिला प्रधान यादविरेन्द्र शर्मा ने किया। संचालन मा. सुखदर्शन सरोहा ने किया तथा सरकारी विभागों की दयनीय स्थिति पर चर्चा की। कर्मचारियों का आक्रोश प्रदर्शन हांसी गेट, पुराना बस अड्डा होते हुए लघु सचिवालय पहुंचा। कर्मचारियों ने मुख्य द्वार पर एकत्रित होकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कर्मचारियों की किसी भी हरकत से निपटने के लिए पुलिस अलर्ट रही। कर्मचारी नेता यादविरेन्द्र शर्मा ने कहा कि अदालत ने निर्देश दिए थे कि सरकार कर्मचारियों का पक्ष सुने तथा 14 नवम्बर को कोर्ट में दोनों पक्ष पेश हों लेकिन इससे पहले ही सरकार ने 190 रूट परमिट ओर जारी कर दिए। हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर झूठे गैर जमानती धाराओं में मुकदमे दर्ज कर भय का वातावरण तैयार किया जा रहा है। कर्मचारियों के साथ अपराधियों जैसा हुआ व्यवहार कर्मचारी नेता मा. वजीर ¨सह ने कहा कि कर्मचारियों के साथ पुलिस ने अपराधियों जैसा व्यवहार किया। महिलाओं को भी नहीं बक्शा गया। इससे पहले कर्मचारियों पर पत्थरबाजी का आरोप लगे जबकि कर्मचारियों ने ऐसा कुछ नहीं किया। अधिकारियों ने यह तक कहा कि ऐसी धाराएं लगा देंगे कि ¨जदगी भर याद रखोगे। जेल में झाडू लगवाई और टायलेट तक साफ करवाए गए। पेशी पर अपराधियों के साथ लाया गया। सुखदर्शन सरोहा ने कहा कि पुलिस का रवैया बहुत ही ¨नदनीय रहा। अदालत के आदेश के बाद भी मुकदमे वापस नहीं लिए गए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि सभी हड़ताली कर्मचारियों का वेतन निकाला जाए तथा सभी मुकदमे खारिज किए जाएं लेकिन सरकार ने अभी तक कोई पत्र जारी नहीं किया है। कोर्ट हस्तक्षेप के बाद हड़ताल तो समाप्त हो गई लेकिन सरकार लगातार परिवहन विभाग का निजीकरण करने में जुटी हुई है। ाक्रोश प्रदर्शन में सीटू, इंटक, एटक, एचएमएच, अखिल भारतीय किसान सभा, एसएफआई, जनवादी महिला समिति, डीवाईएफआई, जन संघर्ष समिति, रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने भाग लिया।
विभिन्न जनसंगठनों ने शहर में निकाला जुलूस
रोडवेज कर्मचारियों पर हुए लाठी चार्ज के विरोध और उन पर बनाए मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर तालमेल कमेटी, इंटक, सीटू, एचएमएस, सर्व कर्मचारी महासंघ कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रशासन को भी जमकर कोसा और उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा। कर्मचारियों का नेतृत्व इंटक के जिला प्रधान रामौतार खोरड़ा कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों की ये रही मांग प्रदर्शनकारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने, रोडवेज कर्मचारियों पर बनाए गए मुकदमें वापस लेने, एक्सग्रेसिया स्कीम को बहाल करने, पंजाब के समान वेतनमान देने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, मजदूरों को सभी सुविधाएं मुहैया करवाने, खाली पड़े पदों को तुरंत प्रभाव से भरने सहित अन्य मांगों को लागू करने की मांग की। इस मौके पर सुरेंद्र मंढाल, औमपति मंढ़ोली, कृष्ण बडाला, मनीराम, कृष्ण स¨मद्र, राज ¨सह गो¨बदपुरा, ¨रकू कुमारी बडसी आदि मौजूद रहे।