महावीर फौगाट के साथ हुई फिल्म दंगल जैसी घटना, नहीं देख सके बेटी का मैच
महावीर फौगाट के साथ अपने जीवन पर बनी फिल्म दंगल जैसी घटना हो गई। आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में वह बेटी बबीता का सेमीफाइनल मुकाबले नहीं देख सके।
जेएनएन, चरखी दादरी। महिला पहलवान गीता आैर बबीता फौगाट के पिता महावीर फौगाट के साथ अपने जीवन पर बनी फिल्म दंगल जैसी घटना हो गई। आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में वह अपनी बेटी काे सेमीफाइनल मुकाबले में जीतते हुए नहीं देख सके। बृहस्पतिवार को दंगल गर्ल बबीता के मुकाबले होने थे। महावीर फौगाट व उनकी पत्नी दयाकौर देवी उसका मुकाबला देखने के लिए समय से पूर्व वहां पहुंच गए थे। इसके बावजूद वे बबीता के मुकाबले नहीं देख पाए। उनको टिकट नहीं मिल पाया।
मैच देखने पहुंचे बबीता के माता-पिता को नहीं मिल सकी सेमीफाइनल मैच की टिकट
फोन पर हुई बातचीत में महावीर फौगाट ने बताया कि चार घंटे तक इंतजार करने के बावजूद उन्हें सेमीफाइनल मैच की टिकट नहीं मिल पाई। वह पहली बार अपनी पत्नी के साथ बेटी का मैच देखने के लिए विदेश गए थे। फाइनल मुकाबले में आस्ट्रेलियन टीम के कोच ने उन्हें टिकट दिलवाई। महावीर फौगाट ने कहा कि मैच के दौरान परिवार के दो सदस्यों के लिए विशेष तौर पर टिकट उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन उनके मामले में ऐसा नहीं किया गया, जिस वजह से वह अपनी बेटी को सेमीफाइनल मैच में जीतते नहीं देख सके।
क्षेत्र में जश्न का माहौल
रजत पदक जीतने पर बबीता के गांव बलाली के अलावा चरखी दादरी जिले में भी जश्न का माहौल रहा। खेल प्रेमियों ने उसकी जीत पर पटाखे छुड़ाकर व मिठाई बांटकर खुशी मनाई। हालांकि ग्रामीणों को बबीता से स्वर्ण पदक की आस थी। पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में बबीता ने स्वर्ण पर कब्जा जमाया था। मगर इस बार वह उस प्रदर्शन को दोबारा नहीं दोहरा सकी। हालांकि वे बबीता द्वारा रजत पदक जीतने से भी खुश हैं।
विनेश पर निगाहें
चोट के कारण ओलंपिक में पदक जीतने से चूकने वाली बबीता की चचेरी बहन पहलवान विनेश फौगाट पर अब देश की निगाहें टिकी हुई है। आज विनेश का मुकाबला होना है। चरखी दादरी जिले के लोगों के साथ-साथ देशवासियों को आस है कि इस बार वह गोल्ड अवश्य जीतकर लाएगी।