Move to Jagran APP

आठवीं कक्षा में फेल नहीं करना तो बोर्ड परीक्षा का क्या औचित्य, उठे सवाल

बलवान शर्मा भिवानी वैसे तो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड आठवीं कक्षा में बोर्ड लागू करने को

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 07:48 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 07:48 AM (IST)
आठवीं कक्षा में फेल नहीं करना तो बोर्ड परीक्षा का क्या औचित्य, उठे सवाल
आठवीं कक्षा में फेल नहीं करना तो बोर्ड परीक्षा का क्या औचित्य, उठे सवाल

बलवान शर्मा, भिवानी

loksabha election banner

वैसे तो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड आठवीं कक्षा में बोर्ड लागू करने को लेकर पहले से ही तैयार था, लेकिन मौलिक शिक्षा निदेशालय की चिट्ठी ने नई बहस शुरू कर दी है। निदेशक के निर्देशों पर बोर्ड अधिकारियों की असहमति नजर आ रही है।

विभाग के निदेशक द्वारा मंगलवार को जारी की गई चिट्ठी में साफ लिखा है कि हरियाणा में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम 2011 में बदलाव करके कक्षा आठवीं का बोर्ड लागू किया जाए। शैक्षणिक वर्ष के अंत में यदि विद्यार्थी न्यूनतम पास अंक प्राप्त नहीं करता है तो उसे पास होने के लिए दो अवसर और दिए जाएं। इस दौरान उसे विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाए। छात्र को फेल न करके अनुपूरक परीक्षा (प्रत्येक विषय में) देने का अवसर दिया जाए। कक्षा में स्टूडेंट एसेसमेंट टेस्ट के आधार पर ही बच्चों का वर्गीकरण कर लिया जाए। उन्हें उपचारात्मक शिक्षण, अतिरिक्त सहायता सामग्री, अतिरिक्त अभ्यास सामग्री की व्यवस्था की जाए। सतत समग्र मूल्यांकन की समूचित व्यवस्था की जाए।

यहां स्पष्ट कर दें कि हरियाणा में सतत समग्र मूल्यांकन कई साल पहले ही बोर्ड द्वारा समाप्त कर दिया गया है। बोर्ड अधिकारियों का तर्क यह भी है कि यदि बच्चे को फेल ही नहीं करना तो बोर्ड परीक्षा करवाने का क्या औचित्य है। जब तक नहीं पढ़ने वाले छात्रों को फेल नहीं किया जाएगा, उनमें पढ़ने की रूचि पैदा करना मुश्किल है। शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. जगबीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे पास भी विभाग की चिट्ठी आई है। जब तक अधिकारिक तौर पर हमें ऐसी कोई चिट्ठी नहीं मिल जाती, तब तक हम चिट्ठी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। हालांकि सोशल मीडिया के माध्यम से आई चिट्ठी में लिखी बातें अटपटी जरूर नजर आ रही हैं। सीसीई (सतत समग्र मूल्यांकन) को बहुत पहले ही समाप्त किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय यह है कि बोर्ड परीक्षा करवाने के लिए पास-फेल की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन यदि सरकार ने चाहा तो हम उन आदेशों के अनुसार परीक्षा करवाने के लिए तैयार हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.