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कादमा गोलीकांड के शहीद किसानों की स्मृति में बनेगा भव्य स्मारक स्थल

पवन शर्मा बाढड़ा प्रदेश सरकार व किसान संगठनों के बीच वर्ष 1995 में गांव कादमा में हुए स

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 11:26 PM (IST)
कादमा गोलीकांड के शहीद किसानों की स्मृति में बनेगा भव्य स्मारक स्थल
कादमा गोलीकांड के शहीद किसानों की स्मृति में बनेगा भव्य स्मारक स्थल

पवन शर्मा बाढड़ा : प्रदेश सरकार व किसान संगठनों के बीच वर्ष 1995 में गांव कादमा में हुए संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले पांच किसानों व घायल हुए दर्जनों की याद में जल्द ही कादमा में भव्य स्मारक का निर्माण किया जाएगा। शहीद स्मारक को भव्य रूप देने के लिए इसमें पांच प्रतिमाओं के अलावा सभी घायलों के नाम जोधपुरी पत्थर पर अंकित किए जायेंगे। स्मारक परिसर में विशाल पार्क, दो झरने और बड़े फोकस की रंगीन मास्क लाइटें लगाई जाएंगी। वहीं इसमें कादमा कांड के दौरान घटित प्रत्येक घटना का वर्णन भी विस्तारपूर्वक लिखा जाएगा।

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सांसद धर्मबीर सिंह और विधायक सुखविद्र मांढी ने स्मारक निर्माण कार्य के लिए 30 लाख की राशि ग्राम पंचायत के खाते में भिजवा दी गई है। उल्लेखनीय है कि 23 अगस्त वर्ष 1995 में तात्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल की अगुवाई वाली सरकार में बिजली के बकाया बिलों को लेकर सरकार व किसानों में ठन गई थी। किसानों ने ट्यूबवेल एवं घरेलू बिजली के बिल भरने बंद कर दिए। इससे क्षुब्ध होकर बिजली विभाग ने खेतों व ग्रामीण क्षेत्र में संचालित बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मरों का नवीनीकरण कर बदलने व अन्य योजनाओं पर ब्रेक लगा दिया। इससे किसानों व घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने गांव कादमा में प्रदेशव्यापी महापंचायत आयोजित कर सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन का फतवा जारी कर दिया।

किसान नेता रविद्र सांगवान झोझू की अगुवाई में चलाए गए किसानों के आंदोलन को खत्म करवाने के लिए पहुंची भिवानी पुलिस की अगुवाई में आधा दर्जन जिलों के हजारों सुरक्षाबलों और किसानों में सीधी भिड़त हो गई। जिसमें पुलिस की गोली से पांच किसान शहीद हो गए और दर्जनों घायल हुए। इस कांड में पुलिस के कई कर्मचारी घायल होने के अलावा गांव में बनाए गई पुलिस चौकी और बाढड़ा, कादमा बिजली घर को किसानों ने आग के हवाले कर दिया। इससे प्रशासन को लाखों रुपये का नुकसान भी हुआ। इस घटना के बाद कई दिनों तक किसानों को जेल काटनी पड़ी और बाद में सत्तासीन सरकारों में भी उनको उपेक्षा ही झेलनी पड़ी। प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शहीद किसानों के आश्रितों को रोजगार दिया तो भाजपा ने घायलों के परिजनों को भी अलग अलग विभागों में रोजगार देकर उनके आंदोलन को जायज ठहराया। प्रदेश में 23 अगस्त को आयोजित शोकसभा में क्षेत्र के सामाजिक संगठनों ने सभी शहीद व घायल किसानों की स्मृति में एक यादगार भवन निर्माण की मांग की। उनकी मांग पर मौजूदा सांसद धर्मबीर सिंह व विधायक ने अपनी तरफ से पूरा सहयोग करने का आश्वासन देते हुए पंचायत प्रतिनिधियों व क्षेत्र के मौजिज ग्रामीणों से इसमें सहयोग के लिए आगे आने का आह्वान किया। शहीद समिति व ग्राम पंचायत ने इस किसान कांड के इतिहास को संजोए रखने के लिए कस्बे के बडराई रोड बिजली घर के समीप शामलाती वनक्षेत्र का चयन कर चार दिवारी और अन्य निर्माण कार्य की रूपरेखा बनाई। रूपरेखा बनाते ही शहीद स्मारक निर्माण के शुभारंभ के लिए सांसद धर्मबीर सिंह ने 21 लाख व विधायक सुखविद्र मांढी ने प्रथम चरण के लिए 11 लाख समेत चालीस लाख से अधिक राशि भेज दी है जिससे काम शुरू हो गया है। भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा, प्रबंधन समिति सदस्य कमल सिंह कादमा व विकास शर्मा ने बताया कि अपने हकों की बुलंद तरीके से आवाज उठाना अन्नदाता का अधिकार है। बाक्स-: जयपुर के मार्बल पत्थर से बनेगी प्रतिमाएं शहीद स्मारक निर्माण कार्य के लिए पहलवान हरीराम, कप्तान रामौतार, हरी सिंह शर्मा, सूबेदार कर्ण सिंह, मांगेराम, कमलसिंह, रामकिशन इत्यादि सदस्य दिन-रात कर निर्माण व सुंदरीकरण के लिए देशभर के बड़े स्मारक स्थलों के निरीक्षण में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि शहीद स्मारक स्थल पर कादमा कांड में शहीद हुए किसान रामप्रसाद कादमा, सूबेदार हवा सिंह धनासरी, दीपचंद ऊण, धर्मबीर झोझुकलां की भव्य प्रतिमा जयपुर के प्रसिद्ध मार्बल हाऊस में तैयार करवाई जा रही है। वहीं बिजली व अन्य कार्य के लिए दिल्ली की एक फर्म को काम सौंपा गया है। बाक्स-: स्मारक बलिदान की पहचान: धर्मबीर सांसद धर्मबीर सिंह व विधायक सुखविद्र मांढी ने बताया कि इस क्षेत्र का किसान व जवान दोनों ही राष्ट्रहित के लिए समर्पित सिपाही के तौर पर हर संघर्ष के लिए तैयार रहते हैं। कादमा कांड के परिजनों को सरकारी नौकरी के अलावा अब उनकी याद में भव्य शहीद स्मारक निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया है।


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