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स्वाइन फ्लू से जिले में चौथी मौत, स्वास्थ्य विभाग की नहीं टूट रही सुस्ती

भिवानी : जिले में स्वाइन फ्लू से मंगलवार को पांचवीं मौत हो गई, लेकिन इसके बावजदू स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती टूटने का नाम नही ले रही है। गांव घंघाला सिवानी निवासी अधेड़ उम्र व्यक्ति स्वाइन फ्लू बीमारी के कारण ¨जदगी व मौत के बीच तड़पता रहा। उसे हिसार के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। वहां से उसे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल भेज दिया गया। वहां पर दस दिन तक चले इलाज के बाद भी उसकी जान नही बच पाई। चौंकाने वाली बात तो यह है कि प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने वाले ऐसे मरीजों की स्वास्थ्य विभाग को जानकारी तक नही होती है और वह मरीज की मौत के बाद उसका रिकार्ड खंगालने में लगे रहते है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 10:56 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 10:56 PM (IST)
स्वाइन फ्लू से जिले में चौथी मौत, स्वास्थ्य विभाग की नहीं टूट रही सुस्ती
स्वाइन फ्लू से जिले में चौथी मौत, स्वास्थ्य विभाग की नहीं टूट रही सुस्ती

जागरण संवाददाता, भिवानी : जिले में स्वाइन फ्लू से मंगलवार को चौथी मौत हो गई, लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती टूटने का नाम नहीं ले रही है। मृतक जिले के गांव घंघाला का रहने वाला था। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दस दिन तक चले इलाज के बाद भी उनकी जान नहीं बच पाई। चौंकाने वाली बात तो यह है कि प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने वाले ऐसे मरीजों की स्वास्थ्य विभाग को जानकारी तक नहीं होती है और वह मरीज की मौत के बाद उसका रिकार्ड खंगालने में लगे रहते है।

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गांव घंघाला सिवानी निवासी 55 वर्षीय ओमप्रकाश को 15 दिन पहले हल्का बुखार व खांसी हुई थी। इसके बाद उसने हिसार के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। वहां उनका पांच दिन तक इलाज चला। पांच दिन बाद प्राइवेट अस्पताल द्वारा लाखों रुपये इलाज पर खर्च करवाने के बाद हाथ खड़े कर दिए गए। उसे वहां से रेफर किए जाने के बाद परिजन दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्तपताल लेकर गए। वहां पर दस दिन तक उनका इलाज चला, लेकिन जान नहीं बच पाई। केवल रिकार्ड जुटाने में ही लगा है स्वास्थ्य विभाग

चौंकाने वाली बात यह है कि जिले में जानलेवा बीमारी स्वाइन फ्लू अपना कहर बरपा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग महज खाना पूर्ति व मृतकों का रिकार्ड जुटाने में ही लगा है। बीमारी के लक्षण मिलते ही मरीज की सुध नहीं ली जाती है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज की मौत होने पर उसके घर पहुंच जाती है। उसके बाद ही उसकी पूरी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जाता है। ....वर्जन

निजी अस्पताल के चिकित्सकों व लैब संचालकों को इस प्रकार के सैंपल जांच में पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने पर स्वास्थ्य विभाग को तुरंत सूचित किए जाने की हिदायत जारी की गई है, लेकिन रिपोर्ट आने में देरी होने के कारण ऐसे मरीजों का विभाग को ठीक समय पर पता नहीं चल पा रहा है। अपनी और से स्वास्थ्य विभाग ने चौ. बंसीलाल सामान्य अस्पताल में अलग से वार्ड की व्यवस्था व व्यापक दवाइयों का प्रबंध किया हुआ है।

-- डा. आदित्य स्वरूप गुप्ता, सिविल सर्जन, भिवानी।


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