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विशेषज्ञ, चिकित्सक बोले, हर्षोल्लास से मनाएं पर्व पर जीवन से न हो खिलवाड़

चरखी दादरी : दीपावली पर्व नजदीक आते ही सबके मन में पटाखे व दीए जलाने का ख्

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 07:00 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 07:00 PM (IST)
विशेषज्ञ, चिकित्सक बोले, हर्षोल्लास से मनाएं पर्व पर जीवन से न हो खिलवाड़
विशेषज्ञ, चिकित्सक बोले, हर्षोल्लास से मनाएं पर्व पर जीवन से न हो खिलवाड़

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दीपावली पर्व नजदीक आते ही सबके मन में पटाखे व दीए जलाने का ख्याल ही मन में आता है। लेकिन पटाखे जलाना लोगों के लिए काफी हानिकारक सिद्ध होता है। पटाखों से होने वाला वायु, ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए कई गंभीर बीमारियों को साथ लेकर आता है। जिमसें मुख्य रूप से श्वास, फेफड़ों, किडनी, ह्रदय व आंखों से संबंधित बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में कम से कम पटाखे जलाकर तथा सावधानियां बरत कर ही इन बीमारियों से बचा जा सकता है। इसी कड़ी में लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के लिए विभिन्न विशेषज्ञों से बात की गई। न खरीदें और न जलाएं पटाखे : सीएमओ

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दादरी के सीएमओ डा. विरेंद्र यादव ने बताया कि पटाखे जलाने से फैलने वाले प्रदूषण के कारण दमा के अलावा श्वास व ह्रदय रोग बढ़ने की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती है। साथ ही जिन्हें पहले से ही दमा की बीमारी है तो उनकी तकलीफ और बढ़ जाती है। सीएमओ डा. यादव के अनुसार पटाखों से वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी होता है। जिससे लोगों के सुनने की शक्ति भी कम हो सकती है। उन्होंने बताया कि पटाखों के धुएं से निकलने वाले कण कभी डिस्पाज आफ नहीं होते। जिससे ये पानी को भी प्रदूषित कर देते है। ऐसे में लोगों को ना ही पटाखे खरीदने चाहिए और ना ही पटाखे जलाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि शगुन के रूप में पटाखे जलाने है तो उच्च क्वालिटी के पटाखे खरीदने चाहिए जिनसे 20 से 30 प्रतिशत तक कम प्रदूषण फैलता हो। खाने-पीने में सावधानियां जरूरी : डा. अर¨वद

ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा. अर¨वद गर्ग के अनुसार पटाखों से निकलने वाला धुआं फेफड़ों तक जाता है। जिससे दमा व एलर्जी की शिकायत बढ़ जाती है तथा फेफड़ों की क्षमता घट जाती है। जिसके कारण ह्रदय पर भी दबाव बनता है। उन्होंने कहा कि स्मॉग यदि ज्यादा दिन तक रह जाता है तो वह किडनी को भी खराब कर सकता है। ऐसे में बचाव के लिए लोगों को जितना हो सके घर में ही रहना चाहिए। इसके अलावा साधारण मास्क के बजाय 2.5 माइक्रोन तक के कणों को फिल्टर करने वाला मास्क लगाना चाहिए। डा. अर¨वद के अनुसार इन दिनों में हल्का व स्वस्थ भोजन ही ग्रहण करें। जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। दिन में तीन बार धोएं आंखें: डा. कपिल

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. कपिल चोपड़ा ने बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुआं व धुंध से स्मॉग की स्थिति बन जाती है। जिससे आंखों को काफी नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि स्मॉग के कारण आंखों में जलन की समस्या सबसे अधिक बन जाती है। ऐसे में दिन में कम से कम दो से तीन बार आंखों को अच्छे से धोएं तथा काला चश्मा लगाकर ही बाहर निकलें। इस दौरान अधिक से अधिक पानी पीते रहना चाहिए। डा. चोपड़ा के अनुसार यदि आंख में ज्यादा जलन है या आंख में कुछ गिर जाता है तो आंखों को मसलना नहीं चाहिए। यदि समस्या बढ़ रही है तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। स्वास्थ्य का रखें ध्यान : डा. सहरावत

छाती एवं ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा. आरएस सहरावत का कहना है कि लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पटाखों के बजाय दीप जलाकर दीपावली मनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण से विभिन्न बीमारियां हो जाती है। जिनके गंभीर परिणाम सामने आते है। उन्होंने बताया कि ऐसे में लोगों को मौसमी सब्जियों व फलों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।


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