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भिवानी में वन क्षेत्र बढ़ा तो, लेकिन जरूरत के अनुसार नहीं

पर्यावरण संरक्षण सरोकार सावधान! बिगड़ रही रही है आबोहवा खुद को सेहतमंद बनाए रखने के

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 12:02 AM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 06:32 AM (IST)
भिवानी में वन क्षेत्र बढ़ा तो, लेकिन जरूरत के अनुसार नहीं
भिवानी में वन क्षेत्र बढ़ा तो, लेकिन जरूरत के अनुसार नहीं

पर्यावरण संरक्षण : सरोकार

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सावधान! बिगड़ रही रही है आबोहवा, खुद को सेहतमंद बनाए रखने के लिए बरतें सावधानी

पौधरोपण अभियान में विद्यार्थियों और अन्य लोगों की आहुति ने दी राहत

पराली जलाने से रोकने वाले जिलों में प्रदेश में प्रथम रहा भिवानी सुरेश मेहरा, भिवानी

सावधान! आबोहवा बिगड़ रही रही है। ऐसे में खुद को सेहतमंद बनाए रखने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसा नहीं है पर्यावरण को सुधारने के लिए प्रयास नहीं हुए हैं। बहुत प्रयास हुए फिर भी वन क्षेत्र उतना नहीं बढ़ पाया जितना बढ़ना चाहिए था। भौगोलिक क्षेत्र का कम से कम 20 फीसदी वन क्षेत्र होना चाहिए, लेकिन हम अभी 10 फीसदी का आंकड़ा भी नहीं छू पाए हैं। पराली जलाने से रोकने के लिए सार्थक प्रयास हुए, भिवानी को प्रदेश में पहला स्थान तक हासिल हुआ। खुद वन विभाग, सामाजिक संगठनों और स्कूलों आदि द्वारा पौधरोपण के खूब अभियान चलाए गए, मगर प्रदेश की हवा जहरीली होने से नहीं थम पाई है। इसके लिए अभी और ज्यादा प्रयास करने होंगे।

यह सही है कि हरियाणा राज्य मुख्य रूप से कृषि प्रधान राज्य है। इसके लगभग 80 फीसदी भूमि पर कृषि की जाती है। राज्य का भौगोलिक क्षेत्र 44212 वर्ग किलोमीटर है जो भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 1.3 फीसद है। यह भौगोलिक क्षेत्र का केवल 3.9 फीसद है। इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (एफएसआइ) के अनुसार राज्य में ट्री कवर 1282 वर्ग किलोमीटर है। वन और ट्री कवर का कुल क्षेत्र हरियाणा राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 6.49 फीसद है। वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए योजनाओं पर कितना काम हुआ

वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए हर घर हरियाली योजना के अलावा अन्य योजनाओं पर भी काम हुआ। 2015 में शुरू हुई हर घर हरियाली योजना के तहत हर घर तक पौधे पहुंचाने और पर्यावरण बचाने का संदेश देना था। इस योजना के तहत स्कूली बच्चों ने भी खूब काम किया। वहीं सामाजिक संगठनों ने भी खूब काम किया। लेकिन अभी भी हरियाणा की आबोहवा में सुधार की जरूरत है।

पर्यावरण बचाने के लिए हर व्यक्ति को आगे आना होगा

पर्यावरण बचाने के लिए गांव-गांव त्रिवेणी लगाने वाले त्रिवेणी बाबा बोले हरियाणा में पर्यावरण भले ही दूसरे प्रदेशों के मुकाबले विशेष कर ग्रामीण क्षेत्र में ठीक हो, लेकिन अब हमारा प्रदेश दूषित पर्यावरण वाला हो रहा है। हर पर्व और हर त्योहार को प्रकृति से जोड़ना होगा। पौधे न केवल लगाने होंगे उनका संरक्षण भी करना होगा। समय रहते नहीं संभले तो आने वाली स्थिति भयावह होगी।


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