धरती को हरा-भरा बनाने में जुटे पर्यावरण प्रहरी, बढ़ते प्रदूषण को लेकर कर रहे है जागरूक
आज के इस मशीनी युग में आदमी ने अपनी सुख-सुविधाओं को बढ़ावा द
संदीप श्योराण, चरखी दादरी : आज के इस मशीनी युग में आदमी ने अपनी सुख-सुविधाओं को बढ़ावा देने के साथ ही उन कारकों को भी जन्म दिया है जो हमारे आसपास के पर्यावरण में जहर घोलकर मानव जाति के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। छोटे शहरों के भी प्रदूषण स्तर का खतरनाक स्तर पर पहुंच जाना चिताजनक हैं। आपाधापी के इस दौर में लोग अपने निजी कार्यो में इतने व्यस्त है कि उन्हें पर्यारण तो दूर की बात है परिवार तक को संभालने का समय नहीं है। जिसके चलते पर्यावरण को लगातार नुकसान होता जा रहा है। यहीं कारण है कि दादरी जैसा छोटा शहर भी प्रदूषण की मार से अछूता नहीं बच पाया है। लेकिन जिले के कुछ लोग इसे गंभीरता से ले रहे हैं। इन लोगों की दिनचर्या पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यों से शुरू होती है और इनसे जो बन पड़ती है वे प्रदूषण से लोगों को बचाने के लिए प्रयास करते हैं। इसी के तहत जिले के गांव कारी निवासी मास्टर प्रीतम, दादरी निवासी संजय रामफल बीते कुछ वर्षों से पर्यावरण संरक्षण मुहिम में जुटे हुए हैं। ऑक्सीजन पार्को की बढ़ेगी संख्या: मा. प्रीतम
बीते 12 वर्षो से पर्यावरण संरक्षण मुहिम में लगे गांव कारी निवासी मा. प्रीतम के अनुसार पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए पौधारोपण से बेहतर दूसरा कोई विकल्प नहीं हैं। इसी राह पर चलते हुए वे अब तक करीब 60 हजार पौधों का रोपण व इससे कही अधिक का वितरण कर चुके है। पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्य के चलते उन्हें राज्यपाल के हाथों सम्मानित भी किया जा चुका है। वर्तमान में उनका फोकस आक्सीजन पार्क लगाने पर हैं। वे अपने गांव के राजकीय स्कूल की करीब ढाई एकड़ जमीन पर इसकी शुरुआत की जा चुकी है। अब आगामी एक साल के दौरान उनका लक्ष्य है कि जिले के दूसरे गांवों के लोगों को भी इस ओर प्रेरित कर वहां के युवाओं के सहयोग से गांवों में आक्सीजन पार्क लगाए जाए ताकि वहां के लोग शुद्ध व स्वच्छ हवा में सांस ले सके। हर गांव में लगाएंगे त्रिवेणी : संजय रामफल
दादरी निवासी संजय रामफल बीते कुछ वर्षो से दूसरे सामाजिक कार्यों के साथ पर्यावरण संरक्षण मुहिम चला रहे हैं। वे शहर के सार्वजनिक व दूसरे स्थानों पर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण कर रहे हैं। वे शहर में साइकिल के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों को तुलसी भेंट कर पर्यावरण संरक्षण की अपील करते हैं। संजय रामफल अब तक हजारों तुलसी के पौधों का वितरण व सैकड़ों त्रिवेणी का रोपण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष एक दौरान उनका लक्ष्य है कि वे जिले के हर गांव में त्रिवेणी लगाएंगे।