Move to Jagran APP

प्लान की खबर : शहरनामा : 114 किमी दूर दादरी शहर में सुनाई देती रही उपचुनाव की गूंज

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : भले ही जींद यहां से 114 किलोमीटर दूरी पर है लेकिन पिछ

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 11:19 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 11:19 PM (IST)
प्लान की खबर : शहरनामा : 114 किमी दूर दादरी शहर में सुनाई देती रही उपचुनाव की गूंज
प्लान की खबर : शहरनामा : 114 किमी दूर दादरी शहर में सुनाई देती रही उपचुनाव की गूंज

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :

loksabha election banner

भले ही जींद यहां से 114 किलोमीटर दूरी पर है लेकिन पिछले सप्ताह भर वहां के विधानसभा उप चुनाव की गूंज दादरी शहर में सुनाई देती रही। यहां से विभिन्न दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं का जींद से आना जाना लगा रहा। साथ साथ हार जीत के लंबे चौड़े दावे किए जाने का सिलसिला भी बदस्तूर जारी रहा। खास बात यह भी दिखाई दी जिन्हें कायदे से अपने जिले के सियासी हालातों की सामान्य जानकारियां नहीं हैं वे भी जींद से लौटकर राजनैतिक विशेषज्ञ बने दिखाई दिए। अखबारों में रोज बदल रहे बयानों की तरह दादरी शहर के सियासी लोगों के सुर ताल बदलते दिखाई दिए। कुछ तो अपने अपने दलों के प्रत्याशियों की भारी जीत के दावे तथ्यों सहित इस कदर जोर-शोर से करते नजर आए ऐसा लगा मानों वे दादरी शहर के नहीं बल्कि जींद के ही मूल निवासी हैं जो वहां के हालातों को अंदरुनी तौर पर जानकारी रखते हैं। इसी के साथ साथ जींद में रिश्तेदारियों को ढूंढने, रिश्तेदारों के परिचितों को वहां पहुंचाने का दौर जारी रहा। कुछ तो दबाव लिहाज के चलते जींद जाने को मजबूर दिखाई दिए तो कुछ का मकसद केवल नेताओं की हाजिरी देना ही दिखाई दिया। सप्ताह भर यहां से कांग्रेस, भाजपा, इनेलो, जेजेपी, बसपा इत्यादि के समर्थक, कार्यकर्ता, पार्टी पदाधिकारी जींद पहुंचते रहे व कुछ प्रचार कर वापिस लौटते भी रहे। जींद से लौटने वाले कुछ समझदार कार्यकर्ताओं का कहना था कि पूरे प्रदेश सहित यहां भी चाहे उपचुनाव के हालातों का जो भी वर्णन किया जा रहा हो लेकिन वहां के अधिकतर मतदाताओं ने अभी तक खामोशी ओढ़ रखी है। उन्होंने बताया जिस प्रकार पंचायत व नगर परिषद चुनाव की तरह मतदाताओं पर दबाव बनाया जा रहा है उससे वे सभी को वोट देने का वायदा कर रहे हैं लेकिन वास्तविकता तो नतीजों के बाद ही सामने आ सकती है। जींद उपचुनाव को लेकर प्रमुख राजनैतिक दलों के लोग सार्वजनिक तौर पर वहां भी और यहां भी चाहे कुछ भी दावे करें लेकिन व्यक्तिगत बातचीत में वे खुद असमंजस से घिरे दिखाई दे रहे हैं। दादरी शहर के कुछ नेताओं का कहना था कि क्योंकि यह चुनाव उनकी पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है इसलिए उनकी जींद में हाजिरी लगानी जरूरी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.