दर्जनों गांवों में ओलावृष्टि के साथ आफत बरसी, फसलें खराब
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : बृहस्पतिवार दोपहर को तेज हवाओं के साथ हुई हल्की बारि
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
बृहस्पतिवार दोपहर को तेज हवाओं के साथ हुई हल्की बारिश के साथ जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ओले गिरे है। ओले गिरने से किसानों की सरसों, गेहूं, चने की फसलों को भारी नुकसान बताया जा रहा है। हल्की वर्षा व ओले गिरने से मौसम में काफी बदलाव आया है।
बृहस्पतिवार सुबह से ही आसमान में काली घटाएं छानी शुरू हो गई। दोपहर करीब तीन बजे बरसात के साथ कई गांवों में हुई ओलावृष्टि हुई। करीब 15 मिनट ओले गिरे और आधे घंटे तक तेज बरसात हुई। करीब दो घंटे इसी तरह बरसात रूक-रूक कर चलती रही। जिले के गांव बिगोवा, मोरवाला, इमलोटा, भागवी, सरूपगढ़, सांतौर, कन्हेटी, नीमली, लोहरवाडा, ¨झझर, अचीना, चरखी, पैंतावास कलां, पैंतावास खुर्द, फतेहगढ़, घीकाड़ा, मिर्च, सौफ कासनी, लांबा, कोहलावास इत्यादि में ओले गिरने की सूचनाएं हैं। कई स्थानों पर खेतों में 4 से 5 इंच तक ओलो की चादर बिछ गई। इससे किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कुछ गांव में कुछ कम तो कही ज्यादा नुकसान की बात कही गई है। विशेषकर सतगामा के कई गांवों में 50 फीसद तक फसलों को नुकसान हुआ है।
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किसान बोले, महीनों की मेहनत हुई बर्बाद
गांव बिगोवा के किसान मुकेश जाखड़, राजेश जाखड़, बलवान, सुदेश, सत्यप्रकाश, गांव कन्हेटी के डा. जगदेव, अशोक, मोरवाला के जग्गी, सुरेंद्र, इमलोटा के धर्मबीर, सुरेश, नीमली के मांगेराम, रविंद्र इत्यादि ने बताया कि बूंदाबांदी के साथ करीब 15 मिनट तक भारी ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कई महीनों की मेहनत बर्बाद हो गई है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को दोपहर बाद आसमान से बरसी आफत में किसान तबाह हो गया है। भारी ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों की फसल जमीन पर बिछ गई है।
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मुआवजे की उठाई मांग
किसानों ने बताया कि उनके गांवों में हुई ओलावृष्टि से फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई है।
जहां पर भी ओलों की मार पड़ी है, वहां पैदावार की कोई गुंजाइश नहीं है। किसानों ने प्रभावित क्षेत्रों में गिरदावरी कर उचित मुआवजे की मांग की है। प्रदेश किसान जनहित समिति प्रदेश अध्यक्ष सुनील पहलवान ने विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
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खराब गेहूं का नहीं मिलेगा भाव
बृहस्पतिवार को बरसात के साथ ओलावृष्टि ने फसलों को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से गेहूं काला पड़ा जाएगा जिसका कोई भाव नहीं मिलेगा। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र के किसान पिछले दो तीन सालों से लगातार प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसलों की तबाही का सामना कर रहे है।