मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर किसानों का धरना जारी, डीसी दफ्तर में जमा करवाए दस्तावेज
चरखी दादरी गांव रामनगर के समीप 18 दिनों से नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहण्
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: गांव रामनगर के समीप 18 दिनों से नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहण होने वाली जमीन की मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग को लेकर धरना दे रहे किसानों का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। किसान प्रतिनिधिमंडल ने आवार्ड रद करने के लिए जरूरी दस्तावेज उपायुक्त कार्यालय में जमा करवाए। सोमवार को उपायुक्त से किसान फिर से बात कर अपनी मांगों को उनके समक्ष रखेंगे।
किसानों ने बार-बार बातचीत के लिए बुलाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए मांगे पूरी न होने तक धरना जारी रखने का एलान किया है। किसान शनिवार को आगामी रणनीति तैयार करेंगे। उपायुक्त से मिलने आए किसान प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वे आवार्ड को रद करवाने के लिए जरूरी दस्तावेज उपायुक्त को सौंपने के लिए आए थे। उपायुक्त मौजूद न होने के कारण उन्होंने कार्यालय में दस्तावेज जमा करवा दिए है। इस संबंध में उपायुक्त से फोन पर उनकी बात हो चुकी है। सोमवार को फिर से बात करने के लिए उन्हें बुलाया गया है।
किसान नेता व मामले में किसानों की पैरवी कर रहे अधिवक्ता रमेश दलाल ने कहा कि कानूनी रूप से उनका पक्ष मजबूत है। कानून के अनुसार आवार्ड घोषित करने से पहले दोनों पक्ष अपनी बात रखकर सहमति बनाते है। लेकिन जिले के किसानों के साथ भेदभाव करते हुए सरकार ने उनसे बिना बात करे ही उन पर आवार्ड थोप दिया गया है। जिसके कारण सरकार व प्रशासन ने जो प्रक्रिया अपनाई है वह गैर कानूनी है और इस को लेकर वे जिला प्रशासन के अलावा केंद्रीय स्तर पर भी बात कर चुके है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एनएचआइ अधिकारियों ने अपनी कुछ खामियों को स्वीकारा है और उनमें सुधार करने का आश्वासन दिया है।
उल्लेखनीय है कि जिले के 17 गांवों के किसान गत 26 फरवरी से गांव रामनगर के समीप धरना दे रहे है। किसान मार्केट रेट के अनुसार दो करोड़ रुपये प्रति एकड़ की मांग कर रहे है।
नितिन गडकरी ने दिया आश्वासन: दलाल
किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में बुधवार को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बात कर जबरदस्ती घोषित किए गए आवार्ड रद करने की मांग की है। जिस पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवार्ड घोषित करने में हुई खामियों का पता लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि यदि आवार्ड घोषित करने में अनियमितताएं बरती गई है तो उनको कानूनी रूप से दूर करवा दिया जाएगा।
मामले को खींचा जा रहा है लंबा : अध्यक्ष
किसान सेवा संघ अध्यक्ष व धरने की अध्यक्षता कर रहे अनूप सिंह फौगाट ने कहा कि सरकार व प्रशासन ढूलमूल रवैया अपनाकर मामले को लंबा खींचना चाहता है ताकि किसान परेशान होकर धरना समाप्त कर दे और अपने घरों को लौंट जाए। लेकिन वे अपनी मांगे पूरी न होने तक संघर्ष करेंगे और धरना जारी रखेंगे। आज तैयार करेंगे आगामी रणनीति
धरना संचालक विनोद मौड़ी ने कहा कि इसी प्रकार की मांगों को लेकर झज्जर जिले के गांव छारा में किसानों का धरना चल रहा था। वहां पुराने आवार्ड रद कर किसानों की मांगे सरकार द्वारा पूरी करते हुए उन्हें 1.11 करोड़ की राशि प्रति एकड़ दी गई है। मांगे पूरी होने पर शनिवार को गांव छारा में किसान एक कार्यक्रम का आयोजन कर धरना समाप्त कर रहे है। जिसमें शामिल होने के लिए उन्हें भी निमंत्रण मिला है। उन्होंने कहा कि हमारी एक गठित कमेटी छारा जाएगी और वहां अपनी मांगे पूरी करवाने वाली धरना समिति से बात कर अपनी आगामी रणनीति तैयार करेंगे। मांगे पूरी नहीं हुई तो होगा आंदोलन: मंदोला
जेजेपी के वरिष्ठ नेता संजीव मंदौला ने कहा कि सरकार को किसान हितैषी होने का ढोंग छोड़कर उनकी जायज मांगों की ओर ध्यान देना चाहिए। यदि सरकार ने किसानों की मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया तो सरकार बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे। उन्होंने जेजेपी की ओर से किसानों की हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।
ये थे मौजूद
शुक्रवार को धरना स्थल पर संजीव मंदौला, सत्यवान शास्त्री, भूपेंद्र श्योराण, रामकुमार मंदौला, राजेश सांगवान, छात्र नेता साहिल फौगाट, रणधीर कुंगड़, मास्टर रामरत्न, रविद्र सांगवान, सूरजभान इत्यादि उपस्थित रहे।