सरसों व कपास के मुआवजा वितरण में धांधली नहीं होगी बर्दाश्त : मान
फोटो 1 सीडीआर 28 जेपीजी में है। संवाद सहयोगी बाढड़ा प्रदेश के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव
फोटो : 1 सीडीआर 28 जेपीजी में है।
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : प्रदेश के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि कृषि क्षेत्र में तीन कानूनों के विरोध में लाखों की संख्या में उतरे देश भर के किसानों को कानूनी डंडे से दबाने में विफल रही भाजपा सरकार अब तेल मूल्य, एलपीजी, स्टांप शुल्क को बढ़ाकर परेशान कर रही है। बाढड़ा उपमंडल क्षेत्र में पहले ही सरसों के 17 करोड़ मुआवजे में मनमानी शर्तें लगाकर वितरण को बाधित किया गया है वहीं अब कपास की फसल का भारी प्रीमियम वसूल कर निजी कंपनियां नाममात्र मुआवजा जारी कर रही हैं। इस धांधली को किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह बात उन्होंने सोमवार को बाढड़ा कस्बे में किसानों से मुलाकात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भाजपा सबसे अधिक लोकतंत्र व राष्ट्रवाद का राग अलाप रही है लेकिन आज देश का किसान अपने भविष्य व नौजवान रोजगार के लिए दर दर भटक रहे हैं। सरकार मनमर्जी से अलग अलग विभागों में रिक्त पदों का विज्ञापन जारी करती है और परीक्षाएं, साक्षात्कार के बाद उनको रद्द कर युवाओं को भी चौराहे पर खड़ा कर देती है। प्रदेश की बेरोजगारी दर में तेजी से इजाफा हो रहा है। क्षेत्र में पिछले कपास के सीजन में सफेद मक्खी रोग के कारण किसान को भारी नुकसान हुआ। लेकिन सरकार द्वारा मुआवजा वितरण में धांधली बरती जा रही है। किसान हितैषी होने का दम भरने वाली गठबंधन सरकार ने स्टांप शुल्क में दो फीसद बढ़ोतरी कर दी। जिसमें महिला वर्ग को भी कोई रियायत नहीं दी गई है।