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चौपाल पर चर्चा : स्थानीय नहीं राष्ट्रीय मुद्दों को चुनाव में अहम मानते हैं ग्रामीण

जागरण संवाददाता चरखी दादरी हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर बिजली पानी शिक्ष

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 12:09 AM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 06:40 AM (IST)
चौपाल पर चर्चा : स्थानीय नहीं राष्ट्रीय मुद्दों को चुनाव में अहम मानते हैं ग्रामीण
चौपाल पर चर्चा : स्थानीय नहीं राष्ट्रीय मुद्दों को चुनाव में अहम मानते हैं ग्रामीण

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क इत्यादि की विभिन्न समस्याएं देखने को मिलती हैं लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में कई गांवों के लोगों का रूख साफ तौर पर राष्ट्रीय स्तर के माहौल से जुड़ा हुआ है। ऐसे ही स्थिति गांव भागेश्वरी में दिखाई दी। वहां गांव की चौपाल पर बैठे लोगों से जब दैनिक जागरण के संवाददाता ने उनके चुनावी रूख के बारे में जानना चाहा तो उनमें से अधिकतर ने कहा कि स्थानीय जनसमस्याओं, उम्मीदवारों के व्यक्तित्व इत्यादि के मामलों का इस चुनाव में कोई अर्थ नहीं है।

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उन्होंने कहा कि यह चुनाव देश के सामने बनी गंभीर चुनौतियों जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर लगाम लगाने इत्यादि को लेकर केंद्र में एक सक्षम प्रधानमंत्री व स्थाई सरकार बनाने को लेकर है।

चौपाल में बैठे चंद्रभान व रूकम सिंह ने कहा कि यह ठीक है कि ग्रामीण स्तर पर कई स्थानीय समस्याएं है लेकिन उनका मानना है कि लोकसभा चुनाव के लिए चुने जाने वाले सांसद का रूख देश के सामने इस समय मौजूद गंभीर समस्याओं को लेकर साफ हो। वर्तमान की बड़ी जरूरत एक सक्षम प्रधानमंत्री व कड़े निर्णय लेने वाली मजबूत केंद्र सरकार का होना जरूरी है। वहीं दयाराम का विचार उनसे अलग दिखाई दिया। उसने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर ही देश प्रगति के पथ पर कदम रख सकता है।

ग्रामीण जगदीश की अलग ही राय थी। उसने कहा कि उसकी केंद्र में प्रधानमंत्री के रूप में मोदी पहली पसंद है लेकिन प्रदेश में वह जेजेपी की सरकार बनने के पक्ष में है। ग्रामीण विकास और दयाकिशन ने भी चुनाव को लेकर अपनी स्पष्ट राय सामने रखी। इन दोनों ग्रामीणों के मुताबिक छोटी-छोटी बातें, रोजमर्रा के दिक्कतों के बारे में तो किसी भी छोटे चुनाव में बात की जा सकती है। फिलहाल उनका विचार है कि केन्द्र में कड़े निर्णय लेने वाली सरकार बने। इसी बीच मौके पर मौजूद ओमान की एक ऑयल कंपनी से छुट्टी लेकर गांव में आए सत्यनारायण के अनुसार वह केवल चुनाव के लिए इस बार अपने गांव में आया है। पिछले चार-पांच वर्षो से विदेशों में भारतीयों का सम्मान बढ़ा है। वह केन्द्र में मजबूत सरकार व दृढ़ निश्चय वाले प्रधानमंत्री के बनाने का प्रबल हिमायती है। इसी नजरिये से वह मतदान भी करेगा।

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यादव बाहुल्य गांव है भागेश्वरी

दादरी विधानसभा क्षेत्र का गांव भागेश्वरी यादव समुदाय बाहुल्य गांव है। इसके अलावा इसमें पिछड़े वर्गो, ब्राह्मण समुदाय की भी खासी संख्या है। भागेश्वरी में कुल 2540 मतदाता है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां 1718 ग्रामीणों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। ग्रामीणों के अनुसार इस बार 2000 के करीब मतदान हो सकता है। गांव भागेश्वरी के सरपंच हुकम चंद ने बताया कि अधिकतर ग्रामीण राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि गांव में किसी भी चुनाव में कभी कोई विवाद नहीं हुआ। भले ही लोगों के कुछ अलग राजनीतिक विचार हो लेकिन चुनाव में सद्भावना, भाईचारा बना रहा हैं।


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