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सरसों में धोलिया ने दी दस्तक, समय पर उपचार कर फसल बचाएं किसान

भिवानी : राजस्थान के नजदीक होने के चलते भिवानी-दादरी जिले का अधिकतर भू-भा

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 07:00 AM (IST)
सरसों में धोलिया ने दी दस्तक, समय पर उपचार कर फसल बचाएं किसान
सरसों में धोलिया ने दी दस्तक, समय पर उपचार कर फसल बचाएं किसान

जागरण संवाददाता, भिवानी : राजस्थान के नजदीक होने के चलते भिवानी-दादरी जिले का अधिकतर भू-भाग रेतीला है। भिवानी-दादरी जिले में बिजाई क्षेत्र भी बरानी है। सिंचाई के कम साधन होने के चलते बरसात पर निर्भर फसलों की बिजाई की जाती है या फिर कम ¨सचाई वाली फसलों की। बरानी एरिया अधिक होने के कारण दोनों जिलों में बरानी एरिया में सरसों की अधिक बिजाई की जाती है।

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कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस साल भिवानी-दादरी जिले में 1 लाख 53 हजार 615 हेक्टेयर एरिया में बिजाई की गई है। इसमें से भिवानी जिले में 1 लाख 6 हजार 50 हेक्टेयर व दादरी जिले में 47 हजार 565 हेक्टेयर में सरसों की बिजाई की गई है। वहीं सरसों में धोलिया नामक बीमारी ने दस्तक दे दी है। विशेषज्ञों के अनुसार धोलिया बीमारी से बचने के लिए समय पर उपचार करना आवश्यक होता है। सही समय पर उपचार से ही सरसों को धोलिया बीमारी से बचाया जा सकता है। धोलिया बीमारी पेंटेड बग नामक कीट के कारण होती है। पेंटेड बग कीट सरसों के पौधों से चिपककर उनका रस चूसने लगता है। इसके बाद पत्ता सफेद हो जाता है और कुछ समय बाद पूरा पौधा ही सूख जाता है। सरसों बिजाई के समय व कटाई के समय ही अधिक तापमान रहता है। इसलिए सरसों की बिजाई व कटाई के समय ही धोलिया बीमारी अधिक बढ़ने की आशंका रहती है। फिलहाल सरसों में धोलिया ने दस्तक दे दी है। यह किसानों के लिए ¨चता का विषय बन गया है। क्योंकि धोलिया सरसों की पैदावार घटाने के साथ-साथ उसे पूरी तरह से नष्ट कर सकता है। ऐसे करें बचाव

विशेषज्ञों के अनुसार धोलिया नामक बीमारी से बचने के लिए सरसों में बिजाई के कुछ समय बाद या कटाई से कुछ समय पहले दवाई का छिड़काव करें। किसान सरसों के शिशु पौधों पर 200 ग्राम मैलाथियान नामक दवाई को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं। वहीं सरसों के प्रौढ़ पौधों पर 400 ग्राम मैलाथियान नामक दवाई को 400 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। ताकि पेंटेड बग नामक कीट का प्रकोप न रहे। तापमान अधिक होने पर बढ़ती है बीमारी

धोलिया नामक बीमारी अधिक तापमान में बढ़ने की संभावना अधिक रहता है। हालांकि इस बार पिछले दिनों हुई बरसात से मौसम ठंडा है। इसलिए इस बार धोलिया का प्रकोप कम है। वहीं सरसों की कटाई के समय भी तापमान बढ़ने पर पेंटेड बग नामक कीट अधिक सक्रिय रहता है। तीन-चार दिन मौसम रहेगा शुष्क

विशेषज्ञों के अनुसार आगामी 3-4 दिन तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। तापमान भी कम रहेगा। कभी-कभी आसमान में बादल भी छाए रहने का अनुमान है। मौसम ठंडा रहने से फसलों को फायदा मिलेगा। इस बार सरसों में धोलिया का प्रकोप कम है। किसान धोलिया से बचने के लिए सावधानी बरतें और उपचार करें। सरसों की शिशु व प्रौढ़ अवस्था में धोलिया बीमारी के बढ़ने की अधिक संभावना होती है। ऐसे में किसान समय पर उपचार करके बच सकते हैं।

प्रो. वेद प्रकाश लोहाच, वरिष्ठ संयोजक, कृषि विज्ञान केंद्र, भिवानी


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