महिला सशक्तिकरण के बिना विकास अधूरा : मांढी
संवाद सहयोगी, बाढडा : बेटियों की सुरक्षा को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता संजय रामफल द्वारा शु
संवाद सहयोगी, बाढडा : बेटियों की सुरक्षा को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता संजय रामफल द्वारा शुरू की गई मुहिम पहले पढ़ाई- फिर विदाई की प्रशंसा करते हुए विधायक सुख¨वद्र मांढी ने कहा कि महिलाओं की रक्षा और सशक्तिकरण के बिना देश विकास संभव नहीं है। महिलाएं देश की लगभग आधी जनसंख्या को अधिकृत करती है इसलिए वो देश की आधी शक्ति है। यही कारण है कि, उन्हें आगे बढ़ने और भारत के विकास में योगदान के लिए समान अधिकार, सुविधाओं और अवसरों की आवश्यकता है। माता-पिता पर बिना किसी बोझ के, भविष्य में लड़कियों की रक्षा, सुरक्षा और बेहतर शिक्षा है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मानसिकता 18वीं सदी की है, हमें खुद को 21वीं सदी का नागरिक कहने का अधिकार नहीं है। विधायक सुख¨वद्र मांढी ने बेटे और बेटियों के बीच भेदभाव को खत्म करने का आह्वान किया। सामाजिक कार्यकर्ता संजय रामफल ने कहा कि ऐसे लोग हैं जो पढ़ी लिखी बहुएं चाहते हैं, लेकिन वो अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये भेदभाव खत्म होना चाहिए। गुजरात से आए सामाजिक कार्यकर्ता दिव्यांग भावेश पिपलिया ने पानीपत के सुविख्यात उर्दू विद्वान अल्ताफ हुसैन हाली को उद्धत किया। अंतरिक्ष वैज्ञानिक कल्पना चावला को स्मरण किया, जो मूलत हरियाणा की थीं, और बताया कि किस तरह बेटियां देश का नाम रोशन कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि आज लड़कियां खेल में, शिक्षा में और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। यहां तक कि वो कृषि में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इस अवसर पर अनिल पार्षद, भल्लेराम चेयरमैन, सतबीर बलाली,जो¨गद्र मांढी, मंगल गोपी, धोलिया मांढी, अमित गुप्ता इत्यादि उपस्थित थे।