स्वरोजगार बढ़ाने के लिए सीएलयू खत्म करने की मांग
यदि सरकार लोहारू क्षेत्र से कंट्रोल एरिया को हटाकर सीएलयू में छूट दे तथा स्वरोजगार के लिए लघु उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज की सहायता दे तो ये कदम लोहारू क्षेत्र के औद्योगिक विकास में मील के पत्थर साबित होंगे। यह कहना है लोहारू के व्यापारियों तथा समाजसेवी संगठनों का।
संवाद सहयोगी, लोहारू : उद्योग धंधे के नाम पर प्रदेश के सीमांत पिछड़े क्षेत्र लोहारू में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन ने रोजगार तथा व्यवसाय को बुरी तरह चौपट कर डाला है। छोटे व्यापारियों, दुकानदारों तथा बेरोजगार युवकों को रोजी-रोटी चलाने के लिए नए सिरे से सोचना पड़ रहा है। इस हालत में यदि सरकार लोहारू क्षेत्र से कंट्रोल एरिया को हटाकर सीएलयू में छूट दे तथा स्वरोजगार के लिए लघु उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज की सहायता दे तो ये कदम लोहारू क्षेत्र के औद्योगिक विकास में मील के पत्थर साबित होंगे। यह कहना है लोहारू के व्यापारियों तथा समाजसेवी संगठनों का।
व्यापार मंडल के प्रधान धनपत सैनी, सचिव संजय खंडेलवाल, भगत सिंह कल्याण समिति के प्रधान जगदीश जायलवाल, नगर सभा के प्रधान रोहताश आर्य, मनफूल सिंह सैनी आदि ने कहा कि लोहारू क्षेत्र में कोई भी सरकारी उद्योग नहीं हैं। बेरोजगार युवक या तो बाजार में दुकान खोलकर या अपने खेतों में सीमेंटिड ब्लॉक, मोटर बाइंडिग जैसे लघु उद्योग या स्कूल आदि स्थापित करके अपनी रोजी-रोजी चलाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इन सब प्रयासों में इन बेरोजगार युवकों को सरकार की ओर से कोई भी सहारा या मदद नहीं मिल पाती। इस कारण प्रतिकूल हालातों का सामना करने पर ये निराश होकर अपनी दुकानें या छोटे-मोटे ये धंधे बंद कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान के कोरोना संक्रमणकाल में तो हालात और भी बुरे हो गए हैं। उन्होंने लोहारू में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड की तर्ज पर स्थानीय युवकों के लिए सीएलयू की छूट, आर्थिक मदद, उद्योग स्थापना में जरूरी लाइसेंस आदि का सरलीकरण आदि तरीके सुझाए। उन्होंने स्थानीय विधायक एवं कृषि मंत्री जेपी दलाल से भी अनुरोध किया कि वे लोहारू क्षेत्र में औद्योगिकीकरण ये रियायतें देने के लिए सरकार में जोरदार तरीके से लोहारूवासियों की पैरवी करें।