Move to Jagran APP

बेटियों ने बढ़ाया दादरी जिले का गौरव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा की धरती से शुरू किए

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 11:42 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:19 AM (IST)
बेटियों ने बढ़ाया दादरी जिले का गौरव
बेटियों ने बढ़ाया दादरी जिले का गौरव

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा की धरती से शुरू किए गए बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान का असर दिखने लगा है। इस अभियान के अलावा सरकार व प्रशासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के चलते दादरी जिले में पिछले वर्षों की अपेक्षा लिगानुपात में सुधार हुआ है। वर्ष 2018 में दादरी जिले में 1000 लड़कों पर 902 लड़कियों का लिगानुपात था। जो कि वर्ष 2019 में बढ़कर 910 तक पहुंच गया। हालांकि प्रशासन द्वारा हर वर्ष लिगानुपात में लड़कियों की संख्या में 10 के इजाफे का लक्ष्य रखा जाता है। वर्ष 2019 में दादरी जिले में कुल 6 हजार 785 बच्चों ने जन्म लिया है। जिनमें 3548 लड़के तथा 3237 लड़कियां शामिल हैं। वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार दादरी में एक हजार लड़कों पर महज 881 लड़कियों का लिगानुपात दर्ज किया गया था। विभागों ने किए प्रयास

loksabha election banner

जिला स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा नियमित रूप से अल्ट्रासाउंड केंद्रों व दलालों पर नजर रखी जा रही है। पिछले कुछ माह में कई ऐसे दलालों को काबू किया जा चुका है जो गर्भवती महिलाओं को अपने झांसे में लेकर गर्भ में लिग की जांच करवाते थे। इसके अलावा ड्रग्स कंट्रोल अधिकारी द्वारा भी मेडिकल स्टोर्स की जांच कर एमटीपी किट की बिक्री पर रोक लगाई है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना, बेस्ट मदर अवार्ड, गोद भराई सहित कई योजनाएं चलाकर बेटियों, गर्भवती महिलाओं, बेटी की माताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। गांव कमोद में बेटी के नाम से परिवार की पहचान

दादरी जिले के गांव कमोद के सरपंच सुदर्शन भी सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सार्थक करने में जुटे हुए हैं। हाल ही में ग्राम पंचायत कमोद द्वारा गांव के सभी घरों के बाहर बेटियों के नाम से नेम प्लेट लगवाई गई है। घरों के बाहर बेटी के नाम से नेम प्लेट लगवाए जाने के बाद उस परिवार की पहचान बेटी के नाम से ही हो रही है। इन प्रयासों से भी लोग बेटी बचाने के लिए प्रेरित हो रहें है। बेटी पैदा होने पर सम्मानित करती है राजवंती

गांव कमोद में किसी भी घर में बेटी पैदा होने पर आंगनबाड़ी वर्कर राजवंती द्वारा अपने स्तर पर बेटी को नकद राशि व ड्रेस देकर सम्मानित किया जाता है। इसके साथ ही परिवार में दूसरी या तीसरी बेटी के पैदा होने पर बेटी की मां, दादी को भी शॉल देकर राजवंती द्वारा सम्मानित किया जाता है। राजवंती द्वारा किए जा रहे प्रयास न केवल सराहनीय हैं बल्कि समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत भी हैं। खास बात यह है कि बेटियों को सम्मानित करने के लिए राजवंती को सरकार द्वारा कोई आर्थिक मदद नहीं दी जाती। वे अपने स्तर पर ही बेटियों व उनके अभिभावकों को सम्मानित करती है।

महाराष्ट्र न्यायिक सेवाओं में अर्पण चयनित

दादरी की एमसी कालोनी निवासी अर्पणा कादयान का चयन पिछले दिनों महाराष्ट्र न्यायिक सेवाओं में हुआ था। अर्पणा फिलहाल महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बतौर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी व सिविल जज जूनियर डिविजन कार्यरत है। आमतौर पर जहां अभिभावक बेटियों को उच्च शिक्षा दिलवाने से परहेज करते हैं। वहीं, अर्पणा कादयान के अभिभावकों ने बेटी को न केवल उच्च शिक्षा दिलवाई, बल्कि हर कदम पर उनका साथ भी दिया। इसी का नतीजा है कि आज वे इतने बड़े पद पर सेवाएं दे रही हैं। क्षेत्र का नाम विश्व पटल पर किया ऊंचा

दादरी जिले के गांव बलाली निवासी पहलवान व अर्जुन अवार्डी बबीता फौगाट ने अपनी मेहनत के बल पर कुश्ती के मैदान में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों में प्रतिद्वंदियों को मात देकर गांव व क्षेत्र का नाम विश्व पटल पर ऊंचा किया है। फौगाट सिस्टर्स के नाम से मशहूर बबीता फौगाट शुरूआत में अपनी बड़ी बहन गीता के साथ कुश्ती के मैट पर उतरी तो लोगों ने उनका मजाक भी बनाया था। लेकिन उन्होंने केवल अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा। जिसकी बदौलत आज वे समाज के लिए एक मिसाल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.