Move to Jagran APP

जनसंख्या नियोजन: सात वर्षों में दादरी जिले की जनसंख्या बढ़ी तीन लाख

सोनू जांगड़ा चरखी दादरी जनसंख्या वृद्धि को सभी समस्याओं की जड़ कहा जाए तो शायद अतिश्योक्ति

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 11:35 PM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 11:35 PM (IST)
जनसंख्या नियोजन: सात वर्षों में दादरी जिले की जनसंख्या बढ़ी तीन लाख
जनसंख्या नियोजन: सात वर्षों में दादरी जिले की जनसंख्या बढ़ी तीन लाख

सोनू जांगड़ा, चरखी दादरी :

loksabha election banner

जनसंख्या वृद्धि को सभी समस्याओं की जड़ कहा जाए तो शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी। सभी बड़ी समस्याओं बेरोजगारी, गरीबी, पर्यावरण प्रदूषण, निरक्षरता, संसाधनों की कमी इत्यादि सभी का मूल कारण जनसंख्या में वृद्धि को माना जा सकता है। यह न केवल गंभीर चिता का विषय है बल्कि आर्थिक व सामाजिक असमानता की बड़ी वजह भी दिखाई देता है। वर्ष 2011 में के अनुसार दादरी जिले की जनसंख्या 5 लाख से अधिक थी, जो पिछले वर्षों में तेजी से बढ़ी है। नवगठित जिले दादरी की जनसंख्या पिछले वर्ष के अंत तक बढ़कर 8 लाख से अधिक हो चुकी है, जिससे आने वाले वर्षों में जिले के लोगों को रोजगार के साथ-साथ बुनियादी चीजों की भी जरूरत होगी, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में रोजगार प्रदान करना भी एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में अधिकतर युवा बेरोजगारी के गर्त में जा रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए लोगों को जागरूक कर जनसंख्या नियोजन को बढ़ावा देना ही एकमात्र समाधान है। आज प्रशासन और समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि बढ़ती जनसंख्या पर कैसे काबू पाया जाए। हालांकि, सरकारी स्तर पर बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए जिले में कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल तो स्थिति गंभीर ही नजर आ रही है। वर्तमान में जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो आने वाले समय में समस्या का और अधिक भयानक होना लाजिमी है। जनसंख्या नियोजन केवल सरकारी योजनाओं, प्रयासों से मुमकिन नहीं है बल्कि इसके लिए सामाजिक स्तर पर व्यापक जन जागरूकता मुहिम चलाने की जरूरत दिखाई दे रही है। इसके लिए सामाजिक, स्वयंसेवी संस्थाओं को अग्रणी भूमिका निभानी होगी। समाज की सक्रिय भागेदारी के बिना जनसंख्या नियोजन की योजनाओं को लागू करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। समाज के लोगों के सहयोग के बिना जिले में चलाई जा रही कोई भी योजना कारगर सिद्ध नहीं हो सकती। जनसंख्या नियोजन को अपनाकर शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक स्तर, महिला सशक्तिकरण, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और दूसरी बड़ी युवा आबादी की जरूरतें पूरी की जा सकती है।

------------

कोई संस्था नहीं कर रही प्रयास

जिले में दूसरी समस्याओं को लेकर तो कई संस्थाएं काम कर रही है। लेकिन इस बड़ी समस्या को लेकर जिले के लोग गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। जनसंख्या नियोजन को लेकर अभी तक कोई संस्था काम नहीं कर रही है। कुछ अवसरों पर संजय रामफल की अगुवाई में युवाओं ने कार्यक्रम आयोजित कर जागरूकता अभियान चलाए थे, लेकिन स्थाई तौर पर कार्य करने के लिए इस ओर किसी का ध्यान नहीं है, जिससे जिले में जनसंख्या वृद्धि के कारण विकट हालात होते जा रहे हैं। अब जिले के लोगों को आगे आकर नियोजन के लिए कदम उठाने अति आवश्यक हो गए हैं।

-------

तेजी से बढ़ी है जनसंख्या

देश-प्रदेश के साथ जिले में भी जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2011 के अनुसार दादरी जिले के अंतर्गत आने वाले 172 गांवों व शहर को मिलाकर कुल जनसंख्या 5 लाख 2 हजार 276 थी। जो अब बढ़कर 8 लाख से अधिक हो चुकी है, जिसमें 2 लाख 65 हजार 949 पुरुष एवं 2 लाख 36 हजार 327 महिलाएं शामिल थीं। लेकिन पिछले वर्षों में जिले की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। 2011 में जो कुल जनसंख्या पांच लाख के आसपास थी।

------------

स्वास्थ्य विभाग कर रहा है प्रयास

जनसंख्या नियोजन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर प्रयासरत है। जिले के डिप्टी सीएमओ डा. संजय गुप्ता ने बताया कि जनंसख्या नियोजन को लेकर विभाग गंभीर है। इसके लिए समय समय पर लोगों को जागरूक कर परिवार नियोजन की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा महिलाओं को कॉपर-टी, निरोध वितरण व अंतरा टीकाकरण इत्यादि के जरिए जनसंख्या नियोजन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.