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मानसून की शुरूआती वर्षा में बही 2 करोड़ से बनी नई सड़कें, परिषद करेगी वसूली के प्रयास

पिछले दिनों लगातार चार दिनों तक हल्की तो कभी तेज हुई बारिश होने से जिले की कई सड़कें टूट गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 06:50 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:50 AM (IST)
मानसून की शुरूआती वर्षा में बही 2 करोड़ से बनी नई सड़कें, परिषद करेगी वसूली के प्रयास
मानसून की शुरूआती वर्षा में बही 2 करोड़ से बनी नई सड़कें, परिषद करेगी वसूली के प्रयास

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: पिछले दिनों लगातार चार दिनों तक हल्की तो कभी तेज हुई बारिश से जलभराव की समस्या के साथ-साथ विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। नगर के अधिकतर क्षेत्रों में सीवरेज सिस्टम ठप होने का सबसे बुरा असर सड़कों पर पड़ा है। मानसून की शुरूआती कम बारिश से दर्जनों सड़कें टूटकर गड्ढ़ों में तबदील हो गई है। इनमें पिछले दो वर्ष से लेकर चंद माह पहले तक की बनी नई सड़कें शामिल है। अधिकतर सड़कों के जीर्ण-शीर्ण होने की वजह बरसात के पानी की निकासी न होने से जलभराव, सीवरेज सिस्टम नकारा होना माना जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक दादरी शहर के विभिन्न भागों में पिछले सप्ताह की बारिश से करीब दो करोड़ रुपये की बनी नई सड़कें ध्वस्त हो गई है। वैसे तो इनमें लोक निर्माण विभाग, मार्केटिग बोर्ड की भी सड़कें है लेकिन अधिकतर सड़कें स्थानीय नगर परिषद द्वारा बनवाई गई थी। दादरी नगर के लोगों का कहना है कि मानसून की शुरूआती बारिश में ही सड़कों की यह हालत बन गई है तो ज्यादा बारिश होने पर शायद ही शहर की कोई सड़क ठीक ठाक बचे। आमतौर पर काफी प्रयासों, लोगों की भागदौड़ के बाद कोई नई सड़क बनती है लेकिन जब वह जलभराव की भेंट चढ़ जाएं तो स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है।

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बाक्स :

दूषित जलभराव से ये सड़कें टूटी

पिछले सप्ताह मानसून की शुरूआती बारिश से चरखी गेट से पुराने अस्पताल के पीछे तक जाने वाली सड़क सीवरेज सिस्टम ठप होने, जलभराव में टूट गई है। इसका निर्माण चंद माह पहले ही करीब 70 लाख रुपये की राशि से हुआ था। पुरानी अनाजमंडी में पिछले साल 10 लाख रुपये की लागत से बनी नई सड़क बिखर कर गड्ढ़ों में तबदील हो चुकी है। एमसी कालोनी में 20 लाख रुपये की लागत से बनी कई सड़कें सीवरेज सिस्टम नकारा होने से टूटती जा रही है। ढाणी फाटक से पुराने सीसीआइ फाटक तक 20 लाख रुपये की लागत से बनी सड़क टूटती जा रही है। स्थानीय हीरा चौक से बधवाना गेट तक सीवरेज के पानी भरने से टूट रही है। कालेज स्टेडियम रोड की सड़क भी जलभराव की भेंट चढ़ती जा रही है। रावलधी रेलवे फाटक से गुरुद्वारा रोड रेलवे स्टेशन के गेट की सड़क पर 20 लाख रुपये की राशि खर्च हुई थी। इसका निर्माण पिछले साल ही हुआ था। यह सड़क गड्ढ़ों में तबदील होती जा रही है। इसी प्रकार की अन्य दर्जनों छोटी बड़ी सड़कों की हालत मानसून की शुरूआती वर्षा के कारण बेहद बनी हुई नजर आने लगी है। मोटे तौर पर करीब दो करोड़ रुपये की सड़कों के टूटने, उनके गड्ढ़ों में बदलने का अनुमान लगाया जा रहा है। बाक्स :

वसूली का करेंगे दावा: चेयरमैन

दादरी नगर परिषद के चेयरमैन संजय छपारिया ने कहा कि सीवरेज सिस्टम नकारा होने से नगर परिषद द्वारा बनवाई गई कई सड़कें टूटती जा रही है। जल्द ही इस मामले में नगर परिषद की बैठक बुलाकर जनस्वास्थ्य विभाग पर टूटी हुई सड़कों की वसूली करने के कानूनी प्रावधानों पर फैसला लेंगे। इसके अलावा इस मामले में परिषद की सड़कों को हुए नुकसान की वसूली के लिए अन्य प्रयास भी किए जाएंगे। बाक्स :

सीवरेज व्यवस्था होगी दुरूस्त: विधायक

दादरी के विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि वे दादरी शहर की सीवरेज व्यवस्था को ठीक करवाने के लिए काफी गंभीर है। उन्होंने अपने स्वैच्छिक विकास कोष में से पहले वर्ष की पूरी पांच करोड़ रुपये की राशि दादरी शहर के सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त करवाने के लिए दी है। इसके अलावा सीवरेज के पानी को बाहर ले जाने के लिए 27 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दिलाई गई है। जिस पर शीघ्र काम शुरू होगा। बाक्स :

सड़कों के किनारे नहीं लगती टेपर: रविन्द्र

दादरी नगर व्यापार मंडल के कार्यकारी प्रधान, वरिष्ठ पार्षद रविन्द्र सिंह गुप्ता ने कहा कि दूषित जलभराव के साथ साथ नई सड़कों के टूटने की एक और वजह यह है कि इनके निर्माण के साथ किनारों पर टेपर नहीं लगाई जाती। जिससे सड़कें पानी में बहकर किनारों से लगातार टूटती रहती है।


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