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बरसात से क्षेत्र में बाजरा, कपास की अधिकतर फसलें बर्बाद, अब सरकारी आदेशों पर किसानों की टिकी निगाहें

पवन शर्मा बाढड़ा उपमंडल में लगातार हो रही बरसात ने किसानों की छह माह की मेहनत को

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 06:13 AM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 06:13 AM (IST)
बरसात से क्षेत्र में बाजरा, कपास की अधिकतर फसलें बर्बाद, अब सरकारी आदेशों पर किसानों की टिकी निगाहें
बरसात से क्षेत्र में बाजरा, कपास की अधिकतर फसलें बर्बाद, अब सरकारी आदेशों पर किसानों की टिकी निगाहें

पवन शर्मा, बाढड़ा

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उपमंडल में लगातार हो रही बरसात ने किसानों की छह माह की मेहनत को मिट्टी में मिला दिया है। तेज हवाओं के कारण कपास व बाजरे के पके हुए पौधे भूमि पर बिछ गए हैं वहीं बाजरे की सिरटी में बाजरा अंकुरित हो गया है। जिससे किसानों का काफी नुकसान हुआ है। प्रभावित किसानों की नजर अब सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। बाढड़ा उपमंडल क्षेत्र में खरीफ सीजन अब अकेले बारिश के बजाय टयूबवेल सिचाई पर आधारित है तथा भाव की अधिकता के कारण क्षेत्र में कपास व बाजरे की सबसे अधिक बुआई की गई है। लेकिन प्रकृति की मार के कारण लगातार तीसरे सीजन में भी पकी हुई फसलें मिट्टी में मिल गई हैं। क्षेत्र की मिट्टी की गुणवत्ता में कमी आने के कारण खरीफ की नकदी फसल कपास व बाजरा उखेड़ा व सफेद मक्खी और रबी सीजन में सरसों हर बार मरगोजे की चपेट में आ जाती है। रेतीले क्षेत्र में लगातार पिछले एक माह के बहुत कम समय में छह बार बरसात से किसानों की खरीफ सीजन की मूंग, बाजरा, कपास इत्यादि फसलें खराब हो गई हैं।

किसान सीताराम शर्मा, शीशराम धनखड़, जगबीर शर्मा बाढड़ा, राजेश पंचगावां, राधेश्याम, छोटूराम शर्मा उमरवास ने बताया कि ज्यादा बरसात से खरीफ सीजन में बोई गई सभी फसलें नष्ट हो गई हैं। पिछले सप्ताह तक क्षेत्र में उच्च उत्पादन की संभावना थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। गांव बडराई, जेवली, डांडमा, नांधा के किसान तो पहले ही एसडीएम के माध्यम से सीएम, कृषि मंत्री को मांग पत्र भेजकर मुआवजे की मांग कर चुके हैं। मौजूदा समय में मौसम के बिगड़े हालात से अब सभी गांवों के किसानों की चिता बढ़ी है। भाकियू व अन्य किसान संगठनों ने प्रदेश सरकार से प्रभावित क्षेत्र की स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। हाल ही में चंडीगढ़ में कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने लगातार बरसात से प्रभावित रकबे की स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों के नुकसान की भरपाई की बात कहकर किसानों का कुछ ढांढस बंधाया है। पहले का ही मंजूर वितरण नहीं हो पाया

बाढड़ा उपमंडल में लगातार तीन सालों से खरीफ व रबी सीजन की बर्बाद फसलों का मुआवजा पूरी तरह वितरित नहीं हो पाया है। खरीफ 2020 की रबी सीजन का नुकसान का आठ करोड़ के मुआवजे की फाइल अभी चार माह से राज्य सरकार के मुख्यालय में अटकी हुई है। रबी सीजन का स्वीकृत 17 करोड़ के मुआवजा वितरण में दो नई शर्तें लगाने से किसानों को राहत नहीं मिल रही है। इस मुआवजे में आठ करोड़ की राशि वापस मुख्यालय भेजने पर विस सत्र में कांग्रेस नेत्री किरण चौधरी ने मामला जोर-शोर से उठाया तो सांसद धर्मबीर सिंह ने सीएम के समक्ष इस राशि को दोबारा लाकर वितरण करवाने के लिए कमर कस ली है। किसानों के साथ मजाक सहन नहीं : मान

इनेलो जिलाध्यक्ष विजय पंचगावां व छात्र नेता विजय मोटू ने कहा कि बाढड़ा उपमंडल में लगातार फसलों पर प्राकृतिक मार पड़ना बहुत ही चिता का विषय है। क्षेत्र के हितों के लिए प्रदेश सरकार कोई कदम नहीं उठा रही। पिछले रबी सीजन का आठ करोड़ का मुआवजा वितरण न करवाने, खरीफ का राज्य मुख्यालय से मुआवजा जारी ना होने तथा बीमा कंपनियों द्वारा कृषि विभाग से सांठगांठ कर नुकसान पहुंचाना चितनीय है।


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