ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा सीसीआइ अंडरपास का निर्माण, लोक निर्माण विभाग का रवैया बना अवरोध
दादरी में बंद पड़े सीसीआइ फाटक पर अंडरपास का निर्माण क
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी में बंद पड़े सीसीआइ फाटक पर अंडरपास का निर्माण कार्य एक बार फिर से ठंडे बस्ते में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। करीब एक महीना पहले रेलवे द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में रेलवे लाइनों के नीचे ब्लाक्स लगवा कर काम पूरा कर दिया। लेकिन उसके बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा अंडरपास तक पहुंचने के लिए रास्तों का निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया गया है। फिलहाल स्थिति ये है कि अंडरपास के लिए लगाए गए ब्लाक्स में पानी जमा हो रहा है। जिससे कहीं न कहीं गुणवत्ता पर भी फर्क पड़ सकता है। जिस कारण लोगों में रोष का माहौल बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में दादरी के सीसीआइ फाटक को बंद किया गया था। गांधीनगर व आसपास की कालोनियों के लोगों द्वारा बंद किए गए सीसीआइ फाटक पर अंडरपास बनाने की मांग की जा रही थी। लोगों द्वारा पूर्व विधायक राजदीप फौगाट के नेतृत्व में धरना भी दिया गया था। लोगों की मांग के चलते करीब एक वर्ष पहले संबंधित ठेकेदार ने रेल लाइनों के नीचे लगने वाले ब्लाक्स बनाने शुरू कर दिए थे। अब बीती 27 नवंबर को रेलवे द्वारा ये ब्लाक्स रेल लाइनों के नीचे शिफ्ट करवाने का कार्य शुरू कर दिया था। करीब एक सप्ताह में रेलवे ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले कार्य को पूरा कर दिया। उसके बाद लोक निर्माण विभाग को अंडरपास तक पहुंचने के लिए रास्तों का निर्माण करना है। इस कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा रास्ते में आने वाले पेड़ों, बिजली पोल व जमीन के अंदर स्थित पेयजल लाइन को शिफ्ट करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र भी लिख दिए थे। लेकिन अभी तक न ही पेड़, बिजली पोल को शिफ्ट किया गया है और न ही लोक निर्माण विभाग द्वारा रास्तों का निर्माण धरातल पर शुरू किया है। अंडरपास की शेप में हो सकता है बदलाव
उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा अंडरपास के लिए जो डिजाइन तैयार किया गया था, उसके अनुसार एल शेप में अंडरपास का निर्माण होना है। जिसमें एक रास्ता सीसीआइ की तरफ सीधा तथा दूसरा रास्ता प्राचीन हनुमान मंदिर की तरफ निकलना है। लेकिन सूत्रों की मानें तो गांधीनगर व आसपास की कालोनी के लोग अंडरपास का रास्ता प्राचीन हनुमान मंदिर वाले रोड के बजाय सीधा वैश्य स्कूल की तरफ बनाने की मांग कर रहे है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी भी प्रकार के विरोध से बचने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा रास्तों का निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया जा रहा है। तीन करोड़ का है प्रोजेक्ट
गौरतलब है कि सीसीआइ फाटक पर बनने वाले अंडरपास में करीब तीन करोड़ रुपये की लागत आनी है। इसे राशि को दो भागों में बांटा गया है। दो करोड़ 20 लाख रुपये की लागत का कार्य रेलवे द्वारा करवाया गया है। जिसमें रेल लाइनों के नीचे शिफ्ट किए गए ब्लाक्स शामिल है। वहीं, दूसरा हिस्सा जो करीब 80 लाख रुपये का है। करीब 80 लाख रुपये की राशि से लोक निर्माण विभाग द्वारा अंडरपास तक पहुंचाने वाले रास्तों का निर्माण करवाया जाना है। संबंधित विभाग द्वारा इस कार्य के लिए टेंडर भी अलॉट किए जा चुके है। लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। हजारों लोगों को होगा फायदा
सीसीआइ फाटक पर अंडरपास का निर्माण कार्य पूरा होने से गांधीनगर, आसपास की कालोनियों के अलावा समीपवर्ती गांवों के भी हजारों लोगों को फायदा मिलेगा। फिलहाल स्कूली विद्यार्थियों को हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक से होकर गुजरना पड़ता है। दुकानदारों को करीब डेढ़ किलोमीटर का चक्कर लगाकर ढाणी फाटक से होते हुए बाजार में आना पड़ता है। जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अंडरपास का निर्माण पूरा होने से स्कूली विद्यार्थियों, दुकानदारों, बुजुर्गो व महिलाओं को अधिक लाभ मिलेगा। ऐसे में लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द अंडरपास का निर्माण कार्य पूरा करवाया जाए।