घर पर बनी मिठाई पर बहनों का रहा जोर
दूसरे बाजारों की तरह हलवाई बाजार में भी उछाल आता रहा है। इस रक्षा बंधन पर बाजार उम्मीद के मुताबिक नहीं चल पाने से दुकानदार मंदी की चपेट में रहे।
जागरण संवाददाता, भिवानी : तीन अगस्त का रक्षाबंधन है। दूसरे बाजारों की तरह हलवाई बाजार में भी उछाल आता रहा है। इस रक्षा बंधन पर बाजार उम्मीद के मुताबिक नहीं चल पाने से दुकानदार मंदी की चपेट में रहे। कोरोना संक्रमण के डर के चलते बहनों ने घर में बनी मिठाई पर ज्यादा जोर दिया। शहर में करीब 100 से 125 दुकानें हलवाइयों की हैं। हलवाई बाजार का आमतौर पर त्योहार के मौके पर प्रतिदिन एक से दो करोड़ रुपये का कारोबार करता रहा है। लॉकडाउन में छूट के बाद उम्मीद थी हालात में सुधार होगा लेकिन उम्मीद के मुताबिक नहीं हुआ। हालात ऐसे रहे कि रक्षा बंधन से एक दिन पहले यह बाजार एक करोड़ से भी कम रहा। बाजार में ग्राहकों की संख्या जरूर थोड़ी बढ़ी पर कारोबार अपेक्षाकृत बहुत कम रहा। इसका कारण यह भी रहा कि इस रक्षा बंधन कोरोना के डर के चलते महिलाओं ने घर पर ही मिठाई बनाने ज्यादा अहमियत दी। दुकानदार बोले त्योहार भी गया फीका
इस बार तो रक्षाबंधन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। बाजार में भीड़ भी देखी लेकिन लगा कि लोगों की खरीद क्षमता कम हो गई है। आमतौर पर जो बिक्री होती रही है इस बार उसके मुताबिक फीकी रही।
- रजत, मोटी जलेबी विक्रेता त्योहार पर मिठाई ज्यादा बिकती है। इस बार ऐसा नहीं हुआ। हमने दुकानों को सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आइटम भी सभी तरह के तैयार किए लेकिन इसके बाद भी ग्राहक बहुत कम पहुंचे। कुल मिला कर काम मंदा ही रहा।
मोहित, मिठाई विक्रेता लगता है इस बार महिलाओं ने घर पर मिठाई बनाना ज्यादा जरूरी समझा। इसके पीछे कोरोना संक्रमण भी मुख्य रहा। हमें उम्मीद थी त्योहार कारोबार के लिहाज से अच्छा रहा रहेगा पर उम्मीद से कम ही रहा।
नवीन कुमार, हलवाई त्योहार कुल मिलाकर ठीक रहा। कोरोना के चलते जैसी उम्मीद थी वैसा ही त्योहार रहा है। मंदी के दौर में कम ही बिक्री चल रही है। त्योहार पर मामूली सुधार हुआ है। सीजन बदलने के साथ कुछ सुधार होगा।
राहुल रावत, मिठाई विक्रेता महिलाओं ने कोरोना संक्रमण के डर के चलते बाजार से कम घर पर मिठाई बनाने पर ज्यादा जोर दिया। यही वजह रही कि इस बार मिठाई की दुकानों पर भीड़ अपेक्षाकृत कम नजर आई।
सरिता, दुकानदार