मांगों को लेकर महाविद्यालय के शिक्षकों ने दिया धरना
फोटो 16 बीड्ब्ल्यूएन 04 जागरण संवाददाता, भिवानी: विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के शिक्षक बार
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जागरण संवाददाता, भिवानी: विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के शिक्षक बार-बार धरने प्रदर्शन एवं आंदोलन के लिए मजबूर हैं। सरकार बार बार आश्वासन देकर भी शिक्षकों की जायज मांगों को लागू करने में जानबूझ कर विलंब कर रही है। इसी मुद्दे पर शनिवार को भी महाविद्यालय में धरना दिया गया।
शनिवार को एचसीटीए (हरियाणा कॉलेज टीचर एसोसिएशन) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. नरेंद्र ¨सह चाहर ने वैश्य महाविद्यालय प्रांगण में दो घंटे के सांकेतिक धरने पर बैठे शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए मांगों को उठाया। एचसीटीए के आह्वान पर प्रदेश भर के विश्वविद्यालय व कॉलेज टीचर्स ने अपने महाविद्यालय प्रांगण में दो घंटे का सांकेतिक धरना दिया। पुलवामा के ¨नदनीय आतंकी घटना के विरोध में शिक्षकों ने कोई नारेबाजी न कर शांति से धरने का आयोजन किया। डॉ नरेंद्र ¨सह ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षकों की मूलभूत मांगों को जानबूझ कर अनदेखा कर रही है। उन्होंने शिक्षकों की मुख्य मांगों का •िाक्र करते हुए कहा कि पीएचडी और एमफिल की पांच अग्रिम इन्क्रीमेंट को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए व इस वेतन वृद्धि को प्राध्यापकों के मूल वेतन में ही शामिल किया जाए। पीएचडी और एम फिल प्राध्यापकों को समयबद्ध पदोन्नति दी जाए।
उन्होंने कहा की शिक्षकों की अन्य मांगों में मुख्य रूप से राजकीय प्राध्यापकों की तर्ज पर सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को भी व्यापक चिकित्सीय योजना का लाभ देने, महाविद्यालयों में भी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर प्रोफेसर के पद लागू करने, सेवानिवर्ति की उम्र 65 वर्ष करने, पेंशन लाभ प्राप्त करने के लिए न्यूनतम सेवा कार्यकाल 28 से घटाकर 20 वर्ष करने तथा विश्वविद्यालयों में स्व पोषित शिक्षक पदों को बजट पदों में तब्दील किया जाना शामिल हैं।पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार नही चेती तो शिक्षक वर्ग बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होगा। इसी कड़ी में 26 फरवरी को पूरे प्रदेश के शिक्षक सामूहिक अवकाश पर रहकर पंचकूला में शिक्षा सदन के आगे धरना देंगे। धरने में वैश्य महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक धीरज त्रिखा, पवन कौशिक, संजय गोयल, सुरेंदर दलाल, अनिल ¨पकी, सुधा चौहान, सविता जैन, रश्मि बजाज, अंजू राजन, पूनम वर्मा, आशा नेहरा, वंदना वत्स, डा. हरिकेश पंघाल, अनिल शर्मा, सतीश श्योराण, कृष्ण शर्मा, रतन ¨सह, मनीष कुमार, नरेंद्र कुमार, मंगत राम, सुरेश शर्मा, रीना, मधु गुप्ता, श्रुति रानी, सरिता गोयल सभी शिक्षक मौजद थे।