दोपहर बाद छाए बादल, बूंदाबांदी से सात डिग्री गिरा तापमान
शनिवार को मौसम ने एक बार पुन करवट ली। हालांकि सुबह कु
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: शनिवार को मौसम ने एक बार पुन: करवट ली। हालांकि सुबह कुछ समय के लिए धूप निकली लेकिन दोपहर बाद बादल छाए रहने, कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी होने से अधिकतम तापमान में सात डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। पिछले 24 घंटों के दौरान दादरी जिले में अधिकतम तापमान 37 व न्यूनतम 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके विपरित शुक्रवार को अधिकतम तापमान 43 व न्यूनतम 31 रहा था। 24 घंटों में अधिकतम तापमान 7 डिग्री गिरने से मौसम में बदलाव दिखाई दिया।
पिछले एक सप्ताह की अपेक्षा गर्मी कुछ कम रही लेकिन दिनभर उमस का माहौल बना रहा। बदले मौसम का असर दादरी जिले में सामान्य जनजीवन पर भी पड़ा है। दोपहर तक नगर के बाजारों, मंडियों, सार्वजनिक स्थानों पर खासी भीड़ रही लेकिन बाद में बादल छाने, वर्षा होने जैसा मौसम बना रहने से चहल पहल काफी कम नजर आई। बाजारों में कनफैक्शनरी की दुकानों, खाने-पीने के सामान की स्टालों इत्यादि भी खासी भीड़ रही। सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक पुरानी सब्जी मंडी रोड, रेलवे रोड, मेन बाजार, तहसील रोड इत्यादि पर कई बार जाम जैसा नजारा दिखाई दिया। वहीं पुराने शहर के कुछ भागों, अग्रसैन चौक, वैश्य कन्या स्कूल के मुख्य मार्ग, दिल्ली रोड इत्यादि पर हलवाईयों की दुकानों पर काफी संख्या में खरीदार नजर आए। अस्पतालों में बढ़ी भीड़
पिछले एक सप्ताह के दौरान दादरी जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में विभिन्न प्रकार की बीमारियों से प्रभावित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इनमें वायरल, बुखार, जुकाम, टायफाइड, श्वास, दमा, ह्दय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, एलर्जी इत्यादि से प्रभावित मरीजों की संख्या अधिक है। स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में उतार-चढ़ाव, हवाओं में नमी से संक्रामक व वायरस से जुड़ी बीमारियों का अधिक प्रसार होता है। इसलिए खान-पान, रहन-सहन, स्वच्छता के प्रति विशेष सावधानियां बरतनी जरूरी है। बढ़ रही पेयजल की समस्या
पिछले कुछ समय से दादरी नगर की विभिन्न कालोनियों में पेयजल की समस्या गहराने लगी है। विशेषकर नगर के हीरा चौक, सुभाष चौक, छोटी बाजारी इत्यादि के आसपास की कालोनियों, एमसी कालोनी, प्रेम नगर, गांधीनगर, सैनीपुरा, चरखी गेट, बस स्टैंड के पीछे की कालोनियों इत्यादि के लोगों ने बताया कि उनके यहां दो-दो दिनों में केवल एक बार पानी की सप्लाई छोड़ी जाती है। वह भी काफी कम समय के लिए व अपर्याप्त होती है। इसी प्रकार के हालात नगर की बाहरी कालोनियों में भी बने हुए है। कई कालोनियों में लोग महंगे दामों में टैंकर व कैंपर खरीद कर पानी की जरूरतें पूरी करने को मजबूर है।