लिपिक वर्ग के कर्मचारियों ने लगाया अनदेखी का आरोप, पदोन्नति की मांग
जागरण संवाददाता चरखी दादरी शिक्षा विभाग के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की लगातार 28 साल स
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
शिक्षा विभाग के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की लगातार 28 साल सेवा उपरांत भी उन्हें पदोन्नति से वंचित रखा जा रहा है। शिक्षा विभाग में 5250 पद लिपिक, 61 पद आंकड़ा सहायक, 465 पद सहायक, 90 पद उपाधीक्षक, 42 पद अधीक्षक के स्वीकृत हैं। लेकिन 50 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली हैं। पदोन्नतियां नहीं की जा रही है।
हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन हेमसा प्रांतीय अध्यक्ष शर्मिला हुड्डा ने बताया कि शिक्षा विभाग में सरकारी स्कूल, खंड कार्यालयों व जिला कार्यालय में काम करने वाले लिपिक वर्ग का लगातार शोषण किया जा रहा है। शिक्षा सदन में काम करने वाले लिपिक वर्ग की हर 5 व 7 साल बाद पदोन्नति कर दी जाती है। 25 साल नौकरी करने पर लिपिक वर्ग का कर्मचारी राजपत्रित अधिकारी सहायक निदेशक बन जाता है। शिक्षा विभाग का लिपिक वर्ग कर्मचारी पदोन्नति मामले को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं। लेकिन किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। संगठन लगातार मांग कर रहा है कि सेवा नियमावली 2016 में दिए गए प्रावधान अनुसार कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।
सभी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में सहायक, खण्ड कार्यालयों में आंकड़ा सहायक, उपाधीक्षक व सीडी ब्लॉक अनुसार खण्ड कार्यालयों की स्थापना, जिला मौलिक शिक्षा कार्यालयों में एआरओ, आरओ व अधीक्षक का पद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एआरओ, आरओ व स्थापना अधिकारी का पद स्वीकृत किया जाए।
ये है मुख्य मागें
शर्मिला हुड्डा ने कहा कि फिल्ड मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची को अपडेट किया जाए तथा स्थानांतरण पर सिफारिश बंद की जाए। कर्मचारी एवं विभाग हित में संगठन ने मांग की है कि बिना राजनीतिक सिफारिश प्रार्थना पत्र के आधार पर स्थानांतरण नीति बनाई जाए, उत्पीड़न की कार्रवाई पर रोक लगे तथा मुख्य सचिव हरियाणा सरकार की हिदायतों अनुसार त्रिमासिक बैठकों का आयोजन किया जाए।