न समय पर हो रहा कचरे का उठान तो न हो रहे शौचालय साफ
जागरण संवाददाता, भिवानी : शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए नगर परिषद द्वारा की जा रही क
जागरण संवाददाता, भिवानी : शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए नगर परिषद द्वारा की जा रही कोशिश अधूरी नजर आ रही है। शहर में समय पर कूड़े का उठान ना होने व शौचालयों की सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से ठीक ना होने से शहर गंदगी से अटा हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में वर्ष 2019 में होने जा रहे स्वच्छता सर्वेक्षण में भिवानी नगर परिषद की रैं¨कग इस बार नीचे गिरती दिखाई दे रही है। शहर की आबादी बढ़ने व कर्मचारियों की संख्या घटने के कारण भी नप के लिए सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती बनी हुई है।
नगर परिषद द्वारा यूं तो शौचालयों के निर्माण पर करोड़ों रुपये बहाए जाते है। ग्रांट पाने व हिस्सेदारी के चक्कर में शौचालय निर्माण कर दिए जाते है, लेकिन यहां पर सफाई की व्यवस्था रामभरोसे होती है। सालों पहले बनाए गए सार्वजनिक शौचालय बदहाल है। उनके अंदर जाना भी मुश्किल होता है। इसी तरह शहर के सरकुलर रोड से लेकर गलियों तक में कूड़े के ढेर लगते होते है। जिनका समय पर उठान नही हो पाता है। नप के पास सीमित संसाधन है। कूड़ा उठाने वाले वाहन अकसर खराब पड़े रहते है। जिस कारण कचरा उठान में रोजाना दिक्कत आई रहती है। नप यूं तो लंबा चौड़ा बजट तैयार करती है, लेकिन यह कागजों तक ही सिमट कर रह रहा है, जो शहर को स्वच्छ बनाने में बड़ी बाधा बना हुआ है। सरकुलर रोड के सार्वजनिक शौचालय ही बदहाल
- चौंकाने वाली बात यह है कि दिनोद गेट सरकुलर रोड के समीप बनाया गया शौचालय ही सफाई के अभाव में बदहाल पड़ा हुआ है। वहां पर निरंतर सफाई ना होकर कभी कभार ही सफाई होने से शौचालय की दशा खराब है। आस-पास के दुकानदार इस बदहाली से परेशान है।
जेसीबी व लॉ¨डग मशीन पड़ी खराब
- नगर परिषद के पास आठ ट्रैक्टर ट्राली के साथ ही शहर में रखे डस्टबिन उठाने के लिए एक ही लॉ¨डग मशीन है, जो खराब पड़ी हुई है। जिस कारण कचरा उठान में समस्या खड़ी हो रही है। इसी तरह जेसीबी मशीन भी खराब बताई जा रही है। अब ऐसे में रैं¨कग सुधारने में भिवानी नगर परिषद कैसे सफल हो पाएगी।
आठ आटो घरों से एकत्रित कर रहे कचरा
- इसके साथ ही शहर के 31 वार्डों में आठ आटो डंपर कचरा उठाने के लिए लगाए गए है। ये आटो डंपर घर-घर से कचरा एकत्रित कर इस अभियान को सार्थक जरूरी बना रहे है। इससे शहर के लोगों ने काफी राहत भी पाई है। इनमें गीला कचरा अलग व सूखा कचरा अलग से एकत्रित किया जाता है। कभी कभार ही सफाई के लिए आते है कर्मचारी
- शौचालय बेशक बाहर से अच्छा नजर आता हो, लेकिन अंदर जाकर देखे तो गंदगी का नजारा साफ नजर आता है। शौचालय की निरंतर सफाई नहीं होती है। कर्मचारी सप्ताह में एक दो बार ही इसकी सफाई करते है। इस शौचालय की निरंतर सफाई होनी चाहिए।
-- रोशनलाल, दुकानदार
शौचालय की सफाई के लिए नहीं मिलता सामान
- शौचालय की सफाई केवल पानी डालकर की जाती है वो भी सप्ताह में कभी कभी। शौचालय की सफाई के लिए कैमिकल व पाउडर का इन कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए, लेकिन ये सब सामान कर्मचारियों को नही दिया जाता है। जिसे शौचालय की सफाई नही हो पाती है।
वीर ¨सह, दुकानदार