सर्द हवा से बढ़ी ठंड, गिरा तापमान
चरखी दादरी : नंवबर माह का तीसरा सप्ताह बीत जाने के बाद रात को तापमान
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
नंवबर माह का तीसरा सप्ताह बीत जाने के बाद रात को तापमान में लगातार गिरावट जारी है वहीं दिन में धूप खिले रहने से कोई ज्यादा बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि दीपावली के बाद से तापमान में लगातार गिरावट जारी है। पहले ही अपेक्षा रात को ठंड बढ़ती जा रही है। वहीं हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से यहां कई प्रकार की संक्रामक बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं।
रविवार को मौसम का असर दादरी जिले के सामान्य जन जीवन पर साफ नजर आया। अवकाश का दिन व शादी सीजन होने के कारण बाजार में खरीददारों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। रविवार को बंद रहने वाली कपड़े, श्रृंगार, सिलाई कढ़ाई, बुनाई व ब्यूटिशियन की दुकानें भी खुली रही। पिछले 24 घंटों के दौरान दादरी जिले में अधिकतम तापमान 28 व न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जानकारों का कहना है आगामी माह दिसंबर के दूसरे सप्ताह से सर्दी अपने पूरे यौवन पर होगी। बढ़ी संक्रामक बीमारियां
इन दिनों हवाओं में नमी व धान कटाई के बाद तूड़ा बनाते समय उड़ती धूल से दादरी नगर तथा आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की संक्रामक व वायरस से जुड़ी बीमारियों का तेजी से प्रसार हो रहा है। स्थानीय निजी व सरकारी अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर स्थिति की गंभीरता का अनुमान लगाया जा सकता है। पेयजल संकट बरकरार
सर्दी की दस्तक के साथ भले ही पानी की खपत कम हो गई है लेकिन अधिकतर कालोनियों में अभी भी पेयजल की किल्लत बनी हुई है। दादरी के पुराने शहर व बाहरी कालोनियों में अपेक्षा से काफी कम पानी पहुंच रहा है। कालोनीवासियों ने बताया कि उनके यहां तीन दिन में एक बार ही पानी की सप्लाई की जाती है। ऊंचाई पर रहने वाले लोगों के घरों तक पानी पहुंचने से पहले की पानी की सप्लाई बंद हो जाती है। जिस कारण उन्हें पेयजल के लिए बेहद समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लोगों ने उठाया धूप का आनंद
रविवार अवकाश का दिन होने के कारण लोगों ने धूप का भरपूर आनंद उठाया। धूप निकलने से दिन के अधिकतम तापमान में इजाफा भी हुआ, लेकिन न्यूनतम तापमान पहले की तरह ही बना हुआ है। कुछ दिन पूर्व पहाड़ी इलाकों में हल्की बर्फबारी से ठंडी हवाओं का दौर जारी है। लेकिन रविवार को सुबह से शाम तक साफ आसमान में धूप निकलने से सर्द हवाओं का असर काफी कम हुआ है।