बच्चे को स्कूल में किया जा रहा था प्रताड़ित, न्याय नहीं मिला तो मांगी इच्छामृत्यु
बच्चे को स्कूल में प्रताड़ित किया जा रहा था। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो अभिभावक ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु देने की मांग की है।
जेएनएन, भिवानी। शहर के लिटिल हार्ट पब्लिक स्कूल की दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले मासूम बच्चे को प्रताड़ित किए जाने की शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे आहत होकर बच्चे के अभिभावक ने महामहिम राष्ट्रपति, पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन को पत्र भेजा है। पत्र में उसने इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है।
शहर के पतराम गेट पड़ाव मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने लिटल हाई पब्लिक स्कूल की एक ही कोड पर फर्जी रूप से शाखा (फर्जी स्कूल) संचालन की शिकायत करीबन दो साल पहले हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग को दी थी। इस शिकायत पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो लगातार दो सालों के दौरान विजय ने हर दरवाजे पर दस्तक दी, मगर किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
बच्चे के अभिभावक का आरोप है कि लिटल हार्ट पब्लिक स्कूल के संचालक पवन कुमार गोयल व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सदानंद वत्स उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे। उसने यह भी आरोप लगाया कि लिटल हार्ट पब्लिक स्कूल की दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले सात वर्षीय बेटे को भी स्कूल प्रबंधन द्वारा लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। उसने शिकायत में बताया कि उसके बेटे की स्कूल डॉयरी में भी नाजायज तौर पर फीस भुगतान संबंधी बार-बार नोट लिखा जा रहा है, जबकि वह बच्चे की स्कूल फीस का नियमित रूप से भुगतान कर रहे हैं। इसकी रसीद भी उनके पास है।
स्कूल द्वारा तंग किए जाने के कारण उसका बेटा भी स्कूल न जाने की जिद पर अड़ा है। वह अपने बच्चे का इस तरह का बुरा हाल देखकर काफी परेशान और मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहा है। अभिभावक ने बताया कि स्कूल की शिवनगर कॉलोनी में फर्जी स्कूल संचालन संबंधी शिकायत शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ साथ- साथ जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को भी दी थी, मगर अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि उसे ही मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
इस संबंध में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार का कहना है कि अभिभावक ने इच्छामृत्यु की मांग सिर्फ सिस्टम से तंग होकर मांगी हैं, अगर समय रहते उसकी शिकायत पर हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारी कोई कदम उठाते तो उसके परिवार व बच्चे को इस तरह की प्रताड़ना का शिकार नहीं होना पड़ता।