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Bhiwani News: प्रो कबड्डी में पहचान बना रहा एएसआई का बेटा अमन, रोजाना तीन से चार घंटे बहाता है पसीना

अमन कुमार बताते हैं कि वर्ष 2018 में उन्होंने प्रो कबड्डी में खेलना शुरू किया था। दिल्ली की तरफ से खेलते हुए बेस्ट रेडर रहे। यह मुकाबला मुंबई में रहा और दिल्ली की टीम दूसरे स्थान पर रही थी।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaPublished: Tue, 16 May 2023 01:46 PM (IST)Updated: Tue, 16 May 2023 01:46 PM (IST)
Bhiwani News: प्रो कबड्डी में पहचान बना रहा एएसआई का बेटा अमन, रोजाना तीन से चार घंटे बहाता है पसीना
प्रो कबड्डी में पहचान बना रहा एएसआई का बेटा अमन

भिवानी, जागरण संवाददाता। कबड्डी भिवानी की माटी में रची बसी है। गांव दुबलधन के अमन कबड्डी के लिए भिवानी आए तो भिवानी के होकर रह गए। वर्तमान में डीसी कॉलोनी निवासी अमन वर्ष 2014 में कबड्डी के खेल में उतरे थे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। वर्तमान में एमएनएस राजकीय महाविद्यालय में चल रही छाजूराम एकडमी में अपने कोच सुमेर सिंह की देखरेख में कबड्डी की बारीकियां सीख रहे अमन हौसले से सराबोर हैं और प्रो कबड्डी में दो-दो हाथ करने को बेताब हैं।

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अमन कहते हैं दिसंबर महीने में होने वाली प्रो कबड्डी में अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देना ही उनका उद्देश्य है। वह निरंतर इसके लिए प्रति दिन तीन से चार घंटे पसीना बहा रहे हैं। अमन बताते हैं उनके पिता सुखबीर सिंह दिल्ली पुलिस में एएसआइ के पद पर कार्यरत हैं।

2014 में हरियाणा की तरफ से खेले

उन्होंने बताया, "भिवानी में कबड्डी का क्रेज ज्यादा रहा है। हम 2014 से पहले दुबलधन गांव से भिवानी आ गए थे। यहां आकर मैने कबड्डी की तैयारी शुरू की... वर्ष 2014 में हरियाणा की तरफ से जूनियर नेशनल खेला और इसमें शानदार परफॉर्मेंस रही। इसके बाद वर्ष 2018 में सीनियर स्टेट खेला। यह पानीपत में आयोजित की गई थी। इसमें भी बेहतर परिणाम रहा।"

वर्ष 2018 में प्रो कबड्डी में रखे कदम

अमन कुमार बताते हैं कि वर्ष 2018 में उन्होंने प्रो कबड्डी में खेलना शुरू किया था। दिल्ली की तरफ से खेलते हुए बेस्ट रेडर रहे। यह मुकाबला मुंबई में रहा और दिल्ली की टीम दूसरे स्थान पर रही थी। इसके बाद सीजन-7 दिल्ली की तरफ से और सीजन-9 तेलगू ताइपेन की तरफ से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन रहा।

अमन ने कहा कि प्रो कबड्डी में करियर बनाने के लिए उतरें तो अब इसमें बेस्ट परफॉर्मेंस देने का भरसक प्रयास रहता है। वह अपने कोच सुमेर सिंह से कबड्डी की बारीकियां सीख रहे हैं। चौ. छाजूराम एकेडमी में प्रतिदिन तीन से चार घंटे पसीना बहा रहे हैं। अब प्रो कबड्डी में अपना बेस्ट देकर प्रदेश और देश का नाम रोशन करना ही लक्ष्य है। इसके लिए जी जान से जुटे हैं।


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