टपका ¨सचाई के प्रति किसानों को किया जागरुक
संवाद सहयोगी, बाढ़ड़ा : लगातार गिरते भूमिगत जलस्तर को देखते हुए फव्वारा सिस्टम की बजाए ि
संवाद सहयोगी, बाढ़ड़ा :
लगातार गिरते भूमिगत जलस्तर को देखते हुए फव्वारा सिस्टम की बजाए किसानों को टपका ¨सचाई का प्रयोग कर अपना भविष्य सुरक्षित बनाना चाहिए। यह बात जिला बागवानी अधिकारी डा. सुरेन्द्र सिहाग ने कस्बे में सोमवार को नेटाफिस इरिगेशन टपका ¨सचाई प्रबंधन जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज देश के लगभग आठ राज्य डार्क जोन मुहाने पर पहुंच कर बुरे दौर से गुजर रहे हैं। जिससे वहां पर कृषि करना तो दूर पेयजल के भी लाले पड़ गए हैं। प्रदेश सरकार ने भी हरियाणा जैसे छोटे से प्रदेश के 90 खंडों को डार्क जोन सूची में शामिल किया है। बाढ़ड़ा, नांगल चौधरी जैसे कई हलकों में तो भूमिगत बोर सिस्टम भी फेल हो गया है। आज ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल के लिए संकट पैदा हो गया है। इस क्षेत्र में अब परंपरागत कृषि के साथ ही बागवानी, पशुपालन को भी अपनाना आवश्यक है। कृषि के लिए टपका ¨सचाई अपनाई जाए तो ज्यादा बेहतर होगा। केन्द्र व प्रदेश सरकार भी अलग अलग योजनाओं से किसानों को टपका ¨सचाई के प्रति आकर्षित करने के लिए काम कर रही है डार्क जोन में बागवानी में टपका ¨सचाई अपनाने वाले किसानों को 85 प्रतिशत तक अनुदान राशि व अन्य खंडों में छोटे किसानों को 70 प्रतिशत व बड़े किसानों को 60 प्रतिशत तक सब्सिडी देकर उनके जीवन में नई रोशनी लाने का काम किया जा रहा है। यह वैन क्षेत्र के गांव गांव जाकर किसानों को टपका ¨सचाई के महत्व से अवगत करवाएगी। इस अवसर पर कृषि विकास अधिकारी डा. कुरड़ाराम, कप्तान दुलीचंद बेरला, संजय कुमार, किसान पाठशाला संयोजक विषे मील, राजबीर हंसावास, पूर्व सरपंच दिलावर मांढी, कृष्ण बेरला, पूर्व सरपंच ओमप्रकाश बेरला, जगबीर बेरला, पूर्व सरपंच जोगेन्द्र बेरला इत्यादि मौजूद थे।